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NDA Meeting: 5 अगस्त को पीएम मोदी की अहम बैठक! जम्मू-कश्मीर से लेकर उपराष्ट्रपति चुनाव तक चर्चा में कई मुद्दे

NDA Meeting: 5 अगस्त का दिन देश की राजनीति के लिए बेहद खास माना जा रहा है। दिल्ली, मुंबई, पटना, श्रीनगर से लेकर पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी तक चर्चा का माहौल गर्म है। वजह है संसद के मानसून सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की संसदीय दल की विशेष बैठक। यह बैठक लंबे समय बाद हो रही है, जिसमें एनडीए के सभी घटक दलों के सांसद शामिल हैं और माना जा रहा है कि इसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।

पहलगाम आतंकी हमले पर श्रद्धांजलि और प्रस्ताव

बैठक की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करके की गई। इस दौरान भारतीय सेना की वीरता को सलाम करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। साथ ही पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भेजे गए प्रतिनिधिमंडल की भूमिका की सराहना की गई। इस बैठक के राजनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संदेशों को लेकर इसे काफी अहम माना जा रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव पर बड़ा फैसला संभव

एनडीए की इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि 7 अगस्त से उपराष्ट्रपति चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है। ऐसे में बैठक में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा और सहमति बन सकती है। सूत्रों के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी महासचिव अन्य सहयोगी दलों से समन्वय कर उम्मीदवार को अंतिम रूप देंगे। चूंकि एनडीए के पास बहुमत है, इसलिए उनका उम्मीदवार आसानी से जीत सकता है।

जम्मू-कश्मीर को मिलेगा फिर राज्य का दर्जा?

पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हालिया मुलाकात ने अटकलों को जन्म दे दिया है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिल सकता है। सोशल मीडिया पर इस विषय पर तीव्र बहस हो रही है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस संभावना को खारिज करते हुए इसे अफवाह बताया है। इसके बावजूद, केंद्र सरकार की चुप्पी ने जिज्ञासा और आशंकाएं दोनों को जन्म दिया है।

2024 चुनाव के बाद बदला एनडीए का स्वरूप

2024 के आम चुनावों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन सहयोगी दलों की मदद से सरकार बनाई गई। इसी कारण एनडीए की बैठकों में अब बीजेपी के अलावा टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी जैसे सहयोगी दलों की भागीदारी भी दिख रही है। पिछली बैठक 2 जुलाई को हुई थी, और उसके बाद अब की बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी इन बैठकों के जरिए न केवल संगठन को एकजुट कर रहे हैं बल्कि आगामी रणनीति भी स्पष्ट कर रहे हैं।

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