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गाडरवाड़ा के लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश भारती शुक्ला को शौर्य चक्र, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की घोषणा

79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कार घोषित

नई दिल्ली/गाडरवाड़ा।
79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 127 वीरता पुरस्कारों और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों की घोषणा की। इस सूची में मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के गाडरवाड़ा नगर का नाम भी शामिल हुआ है। नगर के वीर सपूत लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश भारती शुक्ला को उनके अदम्य साहस और उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है।

एंटी-इन्फिल्ट्रेशन ऑपरेशन में दिखाई वीरता

लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश को यह सम्मान जुलाई 2024 में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी (Line of Control) पर चलाए गए एंटी-इन्फिल्ट्रेशन ऑपरेशन में दिखाई गई वीरता के लिए दिया जा रहा है।

इस ऑपरेशन में उन्होंने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तीन खूंखार आतंकवादियों को ढेर कर दिया। ये आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से घुसपैठ कर अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की साजिश रच रहे थे।

करीब 40 घंटे चले इस कठिन अभियान में बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। गौर करने वाली बात यह रही कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश और उनकी टीम का कोई भी सदस्य हताहत नहीं हुआ।

अक्टूबर 2024 का दूसरा सफल अभियान

लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश ने अक्टूबर 2024 में भी एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस अभियान में उन्होंने अपनी टीम के साथ दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। इस दौरान भी उनका साहस, दृढ़ निश्चय और नेतृत्व क्षमता देखने लायक रही।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा

लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश, गाडरवाड़ा नगर के सेवानिवृत्त शिक्षक श्री मन मोहन शुक्ला और श्रीमति ममता शुक्ला के पुत्र हैं।

  • प्रारंभिक शिक्षा: सरस्वती शिशु मंदिर, गाडरवाड़ा
  • आगे की पढ़ाई: सैनिक स्कूल, रीवा
  • वर्तमान पद: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल

उनकी सफलता नगर और पूरे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।

क्या है शौर्य चक्र?

शौर्य चक्र भारत का तीसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है। यह उन सैनिकों और नागरिकों को दिया जाता है, जिन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों या देश की आंतरिक सुरक्षा में असाधारण साहस का परिचय दिया हो।

  • पहला: अशोक चक्र
  • दूसरा: कीर्ति चक्र
  • तीसरा: शौर्य चक्र

गाडरवाड़ा में खुशी की लहर

इस सम्मान की घोषणा होते ही गाडरवाड़ा नगर और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इसे पूरे नगर का सम्मान बताते हुए गर्व व्यक्त किया है।

निष्कर्ष

लेफ्टिनेंट कर्नल नीतेश भारती शुक्ला का शौर्य चक्र से सम्मानित होना न केवल गाडरवाड़ा बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उनकी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी।

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