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भोपाल लौटीं Sadhvi Pragya Thakur ने दिया कांग्रेस को झटका, दिग्विजय सिंह का नाम लेने से किया मना

भोपाल पहुंचते ही Sadhvi Pragya Thakur ने सबसे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सुबह या दोपहर में दिग्विजय सिंह का नाम लेता है उसका दिन खराब हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि उनके पास दिग्विजय सिंह जैसे व्यक्ति के लिए कोई उत्तर नहीं है क्योंकि वह व्यक्ति किसी भी तरह से सम्मान या बातचीत के योग्य नहीं है। उनके इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है।

आतंकवाद का रंग और झंडा बताया

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने आतंकवाद पर बोलते हुए कहा कि आतंक का न केवल धर्म होता है बल्कि उसका एक रंग और झंडा भी होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवाद हमेशा हरे झंडे के तले फैलाया गया है। साध्वी ने साफ कहा कि मुस्लिम आतंकवाद को खुश करने के लिए ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसी झूठी संकल्पनाएं गढ़ी गईं। उनका दावा था कि ये सब कांग्रेस की सोची-समझी साजिश थी जिससे हिंदुओं को बदनाम किया जा सके।

पहलगाम हमले पर दिया विवादित बयान

साध्वी प्रज्ञा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां यात्रियों के कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई और हिंदुओं को टारगेट कर मारा गया। उन्होंने इस घटना को भी एक ‘पूर्व-नियोजित साजिश’ बताया और कहा कि इसमें भी वही मानसिकता काम कर रही है जो हमेशा हिंदुओं को कमजोर करने की कोशिश करती है।

कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप

साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा हिंदुओं को निशाना बनाया है और उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया है। उन्होंने कहा कि ‘भगवा आतंक’ और ‘हिंदुत्व आतंक’ जैसे शब्द कांग्रेस की देन हैं जो कि देशद्रोह की मानसिकता से जन्मे हैं। उनके अनुसार, कांग्रेस की नीति ने देश को तोड़ा है और हिंदुओं के आत्मसम्मान को कुचला है।

पीएम मोदी और योगी के नाम जबरन लेने का आरोप

मालेगांव ब्लास्ट केस से बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें जांच अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए मजबूर किया था। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने झूठ बोलने से इनकार किया तो उन्हें यातनाएं दी गईं। उनका यह बयान अब राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।

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