एमपी के 6 शहरों में खुलेंगे ‘बिजली थाने’, चोरी और बकाया वसूली पर होगी सख्त कार्रवाई
इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में पहले चरण की शुरुआत

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने बिजली चोरी, केबल चोरी और बिजलीकर्मियों पर होने वाले हमलों जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब ‘बिजली थाने’ (Electricity Police Stations) खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस प्रस्ताव को पिछले महीने ही मंजूरी दी थी।
गुजरात मॉडल पर तैयार होंगे बिजली थाने
प्रदेश में खुलने वाले बिजली थाने गुजरात मॉडल पर आधारित होंगे। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हाल ही में बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ गुजरात दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने इस मॉडल का अध्ययन किया। सरकार का मानना है कि इससे बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम लगेगी और बकाया वसूली भी तेज़ होगी।
पहले चरण में 6 बड़े शहरों में शुरुआत
बिजली थाने सबसे पहले प्रदेश के 6 बड़े शहरों में खोले जाएंगे –
- इंदौर (पोलोग्राउंड मुख्यालय)
- भोपाल
- उज्जैन (ज्योतिनगर मुख्यालय)
- ग्वालियर
- जबलपुर
- रीवा
इंदौर और उज्जैन में बिजली थानों के लिए स्थान भी चिन्हित कर लिए गए हैं।
बिजली कंपनियों को मिलेगी सीधे कार्रवाई की ताकत
अभी तक बिजली चोरी या बकाया बिल की वसूली के लिए बिजली कंपनियों को स्थानीय पुलिस की मदद लेनी पड़ती थी। अब बिजली थानों में मौजूद पुलिस अधिकारी सीधे एफआईआर दर्ज करेंगे, केस डायरी तैयार करेंगे और जांच भी करेंगे।
इससे न केवल बिजली चोरी पर तुरंत कार्रवाई होगी बल्कि बिजलीकर्मियों पर हमलों की घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है।
सरकार का उद्देश्य
बिजली थानों का मुख्य उद्देश्य –
- बिजली चोरी रोकना
- बकाया बिल वसूलना
- बिजली उपकरण और केबल चोरी पर रोक लगाना
- बिजलीकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
सरकार का दावा है कि इन थानों के खुलने से बिजली कंपनियों की वसूली दर बेहतर होगी और उपभोक्ताओं में भी जागरूकता बढ़ेगी।