नकली पत्रकारों का ब्लैकमेलिंग साम्राज्य ढहा, अब सलाखों के पीछे खा रहे हवा
गाडरवारा–बनखेड़ी में दो फर्जी पत्रकार गिरफ्तार, महिलाओं व जनप्रतिनिधियों को बना रहे थे शिकार

संवाददाता अवधेश चौकसे
गाडरवारा/बनखेड़ी। समाज को चौथे स्तंभ का नाम बेचकर ब्लैकमेल करने वाले दो तथाकथित पत्रकार आखिरकार बेनकाब हो गए। वीडियो और फोटो के नाम पर लोगों को डराकर वसूली करने वाले इन नकली पत्रकारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर नरसिंहपुर सेंट्रल जेल भेज दिया है।
महिला को भेजे अश्लील वीडियो–फोटो, मांगे 50 हज़ार
पूरा मामला अगस्त 2024 में सालीचौका थाने से शुरू हुआ। यहां एक महिला को उसके अश्लील वीडियो–फोटो भेजकर 50 हज़ार रुपए की डिमांड की गई थी। आरोपियों ने महिला के पति और भाई तक को धमकाया। परेशान परिवार ने हिम्मत दिखाकर गाडरवारा थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई, दो आरोपी जेल भेजे गए
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सालीचौका निवासी मनीराम कुमार और बनखेड़ी उमरधा निवासी रमेश माधुरे को दबोच लिया। 18 अगस्त 2025 को न्यायालय ने दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया।
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा
खबर सोशल मीडिया पर फैलते ही लोगों ने राहत की सांस ली। कमेंट्स में कटाक्ष बरसे –
- “ये लोग पत्रकारिता नहीं, ब्लैकमेलिंग का धंधा चला रहे थे।”
- “सामाजिक संगठनों की आड़ में जनता को चूसते रहे, अब असली ठिकाने पर पहुंचे।”
धार्मिक–सामाजिक संगठनों का नाम भी किया इस्तेमाल
जांच में खुलासा हुआ है कि ये दोनों फर्जी पत्रकार न केवल मीडिया कार्ड का इस्तेमाल करते थे बल्कि सामाजिक और धार्मिक संगठनों के फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिखाकर दबदबा बनाते थे। इनके पास पंचायत कर्मियों और जनप्रतिनिधियों के वीडियो–फोटो तक मिले हैं।
जनता की अपील
लोगों का साफ कहना है कि –
“अगर किसी और को भी इनसे जुड़ा जख्म मिला है तो सामने आएं और ऐसे नकली पत्रकारों को उजागर करें।”
निष्कर्ष:
पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग का खेल खत्म –
सच की जीत, फरेब की हार… फर्जी पत्रकार अब सलाखों के पार!