स्कूल शिक्षा मंत्री के निर्देश : 10 मार्च तक पूरी हो पाठ्य पुस्तकों की प्रिंटिंग, सत्र शुरू होते ही होगा वितरण

भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए पाठ्य पुस्तकों की प्रिंटिंग और वितरण व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 10 मार्च 2026 तक सभी पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण कार्य पूरा किया जाए और सत्र शुरू होते ही विद्यार्थियों तक नि:शुल्क किताबें पहुँचा दी जाएँ।
बुधवार को मंत्रालय में आयोजित पाठ्य पुस्तक निगम की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मंत्री सिंह ने यह निर्देश दिए। बैठक में सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता, वित्त व माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
उच्च गुणवत्ता और समय पर वितरण पर जोर
मंत्री ने कहा कि इस बार मुद्रित होने वाली किताबें उच्च गुणवत्ता की हों और पूरी प्रक्रिया तय समयसीमा में पूर्ण की जाए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही किताबें विद्यार्थियों को उपलब्ध होनी चाहिए।
9 करोड़ पाठ्य पुस्तकों का होगा मुद्रण
बैठक में निगम के एमडी विनय निगम ने बताया कि आगामी सत्र 2026-27 के लिए करीब 9 करोड़ पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण किया जाएगा। इसके लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत निविदाएँ आमंत्रित की जाएंगी। लक्ष्य है कि 10 मार्च तक सभी किताबें छपकर तैयार हो जाएँ।
स्थानीय भाषाओं में सामग्री का विकास
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बार 8 स्थानीय भाषाओं – बुन्देली, बघेली, मालवी, निवाड़ी, गोंडी, भीली, बारेली और कोरकू में शैक्षणिक सामग्री तैयार की है। विभाग का उद्देश्य है कि बच्चों में अपनी मातृभाषा और स्थानीय बोली के प्रति लगाव बढ़े।
पिछले वर्ष समय पर हुआ वितरण
बैठक में बताया गया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अप्रैल 2025 में सत्र शुरू होते ही नि:शुल्क किताबों का वितरण कर दिया गया था। इस साल लगभग सभी पुस्तकों का वितरण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
पांडुलिपि सितंबर तक मिलेगी
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि एनसीईआरटी और एससीईआरटी से किताबों की पांडुलिपि सितंबर 2025 के अंत तक पाठ्य पुस्तक निगम को सौंप दी जाएगी, जिससे समय पर छपाई शुरू की जा सके।
मध्यप्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जहां विद्यार्थियों को हर वर्ष सत्र प्रारंभ होते ही नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाती हैं।