स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मध्य प्रदेश

सात साल बाद लगाए पौधे में खिला दिव्य एव आलौकिक ब्रह्मकमल, पिता ने लगाया था पौधा जिसके दर्शन मात्र से होती है सौभाग्य में वृद्धि

गाडरवारा। हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा चमत्कारी ब्रह्म कमल का फूल को मना गया है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति ब्रह्म कमल के फूल को खिलते हुए देख लेता है, उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है और जिस घर में ब्रह्म कमल का फूल खिलता है, वहां मां लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं। इसे अति दुर्लभ और पौराणिक महत्व का फूल भी कहा जाता है।

ब्रह्मकमल का यह फूल स्थानीय जगदीश वार्ड निवासी समाजसेवी आशीष राय के निजनिवास में खिला है। सात साल पहले घर पर पिता स्व अशोक राय ने इस पौधा का रोपण किया था। आशीष ने बताया कि हिमालय में खिलने वाले इन फूलों के पौधों की काफी देखभाल करना पड़ती है। सात साल के इंतजार के बाद इसमें 5 कलियां आई थीं, लेकिन एक टूट गई अब चार में से एक शुक्रवार की रात एक पुष्प खिला है। यह ब्रह्म कमल का फूल कई सालों में एक बार उगते हैं और केवल चार से पांच घंटे के लिए खिलते हैं। पूरे परिवार ने इसके दर्शनकर पौराणिक मान्यता के अनुसार उसे भगवान शिव को अर्पित कर मंगलमय जीवन प्रार्थना की।

सिर्फ रात को खिलता है- यह फूल हिमालय की वादियों में मिलता है। इसका नाम है ब्रह्मकमल। यह फूल तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर सिर्फ रात में खिलता है। सुबह होते ही इसका फूल बंद हो जाता है। इसे देखने दुनियाभर से लोग वहां पहुंचते हैं। इसे उत्तराखंड का राज्य पुष्प भी कहते हैं। ब्रह्मकमल को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तरखंड में ब्रह्मकमल, हिमाचल में दूधाफूल, कश्मीर में गलगल और उत्तर-पश्चिमी भारत में बरगनडटोगेस कहा जाता है।

ब्रह्मकमल से ही जल छिड़ककर गणेशजी की किया था जीवित- पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्रह्म कमल फूल को ब्रह्मदेव का रूप माना जाता है और जब यह फूल खिलता है तो भगवान विष्णु की आकृति इस फूल पर दिखाई देती है। मान्यता है कि शिवजी ने ब्रह्म कमल से ही जल छिड़ककर गणेशजी को जीवित कर दिया था इसलिए इसे जीवन देने वाला फूल भी माना जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button