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WhatsApp का तीन-स्तरीय सिस्टम कैसे पकड़ता है आपको? बैन से पहले जानिए ये खतरनाक संकेत

WhatsApp ने एक बार फिर से बड़ी संख्या में भारतीय यूजर्स पर शिकंजा कसा है। जून महीने में करीब 98 लाख अकाउंट्स को बैन कर दिया गया है। यह कदम उन यूजर्स पर उठाया गया है जो प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे थे या अफवाहें फैला रहे थे। मेटा ने यह जानकारी अपने जून महीने के अनुपालन (compliance) रिपोर्ट में दी है।

हजारों यूजर्स ने की शिकायत

जून महीने में व्हाट्सएप को 16 हजार से ज्यादा शिकायतें मिलीं जिनमें अकाउंट बैन करने की मांग की गई थी। इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कंपनी ने 16,069 अकाउंट्स को स्थायी रूप से बंद कर दिया। इनमें से 19.79 लाख अकाउंट ऐसे थे जिन पर यूजर्स द्वारा रिपोर्ट किया गया था।

WhatsApp का तीन-स्तरीय सिस्टम कैसे पकड़ता है आपको? बैन से पहले जानिए ये खतरनाक संकेत

डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड के तहत कार्रवाई

व्हाट्सएप द्वारा उठाए गए इन कदमों की प्रक्रिया भारत सरकार के डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 के तहत की गई है। इस कोड के अनुसार, सभी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर की शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई करनी होती है और हर महीने एक अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होती है जिसमें सारी जानकारियाँ सार्वजनिक की जाती हैं।

तीन चरणों में होता है अकाउंट पर नजर

व्हाट्सएप का कहना है कि उसने प्लेटफॉर्म पर होने वाली हर तरह की आपत्तिजनक गतिविधियों को पहले से पकड़ने के लिए एक ‘एब्यूज डिटेक्शन सिस्टम’ बनाया है। यह सिस्टम तीन स्तरों पर काम करता है – अकाउंट की सेटअप प्रक्रिया, मैसेजिंग पैटर्न और यूजर्स से मिलने वाले नकारात्मक फीडबैक। इन तीनों स्तरों पर संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर कंपनी समय पर कार्रवाई करती है।

जानबूझकर अकाउंट बैन हो तो अपील संभव

मेटा ने बताया कि अगर किसी यूजर का अकाउंट जानबूझकर बैन किया गया है तो वह सरकार द्वारा गठित अपीलीय समिति में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। हालांकि ऐसे मामलों की संख्या बहुत ही कम होती है जब किसी यूजर का अकाउंट बिना वजह बंद कर दिया जाए। ज्यादातर मामलों में यूजर्स नियमों का उल्लंघन करते हैं इसलिए उन पर यह कार्रवाई होती है।

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