दशहरे पर चौमुखी दीपक जलाने के उपाय
चौमुखी दीया जलाने से दूर होगी नकारात्मकता और मिलेगी सुख-समृद्धि

ज्योतिष आचार्य रवि
दशहरा पर चौमुखी दीया जलाना अति शुभ होता है. चौमुखी दीपक के कुछ प्रभावशाली उपाय कर सुख-समृद्धि और धन का लाभ पाया जा सकता है. आइए दशहरा पर चौमुखी दीपक से जुड़े उपाय को जानें. दशहरे की रात को घर के मुख्य द्वार पर अगर चौमुखी दीपक जनाएं या इसी तरह के उपाय करें तो कई लाभ हो सकते हैं जैसे घर में नकारात्मकता का प्रवेश नहीं होगा. घर के सभी सदस्यों की तरक्की होगी और आर्थिक तंगी दूर होगी. आइए दशहरा पर चौमुखी दीपक के उपाय जानें.
घर में चौमुखी दीपक जलाने का लाभ
धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में दशहरे के दिन घर में चार मुंह वाला दीया यानी चौमुखी दीपक जलाया जाता है वहां पर देवी देवताओं की कृपा बनी रहती है और चारों दिशाओं से यानी पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण से घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक उर्जा का प्रवेश होता है.
घर में चौमुखी दीपक का टोटका
दशहरे की रात को चुपके से सरसों के तेल या घी का दीया जलाएं और फिर 2 से 3 लौंग दीये में ही डाल दें. अब लॉन्ग के सुगंध को पूरे घर में फैलाएं और फिर मुख्य द्वार पर रख दें. धन लाभ, स्वास्थ्य लाभ होगा और घर की शांति बनी रहेगी. मानसिक तनाव तो दूर होगा ही इसके साथ ही नकारात्मकता का घर में प्रवेश नहीं होगा. ध्यान रहे यह टोटका तब करना है जब घर के सभी सदस्य सो जाएं.
दक्षिण दिशा में जलाएं चौमुखी दीपक
दशहरे की रात को चौमुखी दीपक को घर के दक्षिण दिशा में जलाएं. घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा और घर के सदस्यों का पद और प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
धन के स्थान पर जलाएं चौमुखी दीपक
दशहरे की रात को अगर मां लक्ष्मी और अन्य सभी देवताओं को प्रसन्न करना है तो धन, गहने या कीमती सामान रखने वाली जगह पर चौमुखी दीपक जलाए. जैसे कि तिजोरी या अलमारी के पास, धन संबंधी सभी नकारात्मकता दूर होंगी.
पूजा घर में जलाएं चौमुखी दीपक
दशहरे की रात को घर के पूजा स्थान पर अगर शुद्ध घी का एक चौमुखी दीपक जलाएं तो जीवन में सुख और शांति आएगी. सभी देवी-देवता एक साथ प्रसन्न होंगे.
तुलसी के पौधे के पास जलाएं चौमुखी दीपक
तुलसी के पौधे के पास अगर दशहरे के दिन दीपक जलाएं तो मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होंगी और धन का आशीर्वाद देंगी. चौमुखी दीपक जलाने से उपाय का प्रभाव बढ़ जाता है.
दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
पूजा स्थल साफकर गंगाजल छिड़कें.
भगवान राम का जलाभिषेक करें और विधि आनुसार पूजा शुरू करें.
धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं और भगवान को पीले फूल अर्पित करें.
राम जी को पीला रंग प्रिय है तो पीला चंदन भी चढ़ाना चाहिए.
भगवान राम के मंत्र जाप करें और फल व खीर आदि के भोग में तुलसी के पत्ते डालकर अर्पित करें.
श्रीराम जी की आरती कर पूजा तो संपन्न करें