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TET Mandatory for Teachers: टीचर्स के लिए शिक्षक पात्रता पास करना जरूरी, वरना जाएगी नौकरी – सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन शिक्षकों की सेवा में 5 साल से अधिक समय बचा है, उन्हें अनिवार्य रूप से TET पास करना होगा। असफल होने पर नौकरी खतरे में पड़ सकती है।

TET Mandatory for Teachers: देशभर के शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने साफ कहा है कि अब टीचर्स को अनिवार्य रूप से TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करनी होगी। जो टीचर्स TET पास नहीं कर पाएंगे, उनकी नौकरी पर संकट आ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा –

  • जिन टीचर्स की सेवा में अभी 5 साल से ज्यादा समय बचा है, उन्हें TET पास करना अनिवार्य होगा।
  • अगर वे परीक्षा पास नहीं करते तो या तो नौकरी छोड़नी होगी या फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर टर्मिनल बेनिफिट्स (सेवा लाभ) ले सकते हैं।

 TET में फेल हुए तो नौकरी खतरे में

यह फैसला तमिलनाडु और महाराष्ट्र से आई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान सुनाया गया, लेकिन इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा।
यानी अब हर राज्य के टीचर्स को TET पास करना होगा, वरना वे पद पर नहीं रह पाएंगे।

क्यों जरूरी है TET?

  • 2010 में NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने यह नियम बनाया था कि पहली से 8वीं तक पढ़ाने वाले टीचर्स की नियुक्ति के लिए TET पास करना जरूरी होगा।
  • इसका मकसद शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता और शिक्षकों की योग्यता सुनिश्चित करना है।

अल्पसंख्यक संस्थानों पर क्या होगा असर?

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मुद्दा भी महत्वपूर्ण है कि –

  • क्या राज्य सरकारें अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाने वाले टीचर्स पर भी TET अनिवार्य कर सकती हैं?
  • अगर हां, तो यह उनके अधिकारों को किस हद तक प्रभावित करेगा?

इस सवाल पर अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच विचार करेगी।

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यह फैसला शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकता है। अब हर टीचर को अपनी नौकरी सुरक्षित रखने के लिए TET पास करना ही होगा।

 

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