भागवत कथा का चतुर्थ दिवस: दिव्य प्रसंगों से गुंजायमान हुआ शांतिनगर कॉलोनी

गाडरवारा। शांतिनगर कॉलोनी में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर श्री वसुश्रेष्ठ दास जी (इस्कॉन उज्जैन के संन्यासी एवं इस्कॉन बदनावर के अध्यक्ष) ने भक्तों को अत्यंत महत्वपूर्ण पुराण प्रसंगों का सरल और भावपूर्ण वर्णन सुनाया। कथा के दौरान वातावरण भक्ति, ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा से पूर्णतया भर उठा।
1. अजामिल उपाख्यान
श्री वसुश्रेष्ठ दास जी ने अजामिल के जीवन, उसके पतन और अंतिम क्षणों में “नारायण” नाम स्मरण से हुए उद्धार का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान का नाम ही सबसे बड़ा रक्षक है।
2. कर्मों के अनुसार नर्कों का वर्णन
कथा में पाप और पुण्य के फलों पर आधारित विभिन्न नर्क लोकों का वर्णन किया गया। श्रोता कर्म और संस्कारों की महत्ता समझकर भाव-विभोर हो उठे।
3. वृत्तासुर का उद्धार
दिव्य वृत्तासुर चरित्र के माध्यम से त्याग, वीरता और भगवद्भक्ति का संदेश दिया गया। वसुश्रेष्ठ दास जी ने बताया कि असुर रूप में भी परम भक्त भगवद् धाम को प्राप्त कर सकता है।
4. महाराज चित्रकेतु कथा
चित्रकेतु महाराज के अद्भुत जीवन, उनके उत्थान-पतन और नारदजी द्वारा दिए गए ज्ञान को विस्तारपूर्वक सुनाया गया। कथा ने सभी को वैराग्य और भक्ति की ओर प्रेरित किया।
5. पृथु चरित्र
पृथु महाराज को आदर्श राजा बताते हुए, उनके शासन, धर्मनिष्ठा और जनता के प्रति समर्पण की चर्चा की गई। यह प्रसंग आज के समय में भी प्रेरणादायक बताया गया।
6. ऋषभदेव एवं प्रियव्रत चरित्र
वसुश्रेष्ठ दास जी ने ऋषभदेव के तपस्वी जीवन और प्रियव्रत के कर्तव्यनिष्ठ चरित्र को भक्तों के सामने अत्यंत प्रभावी शैली में प्रस्तुत किया।
आज कथा में होगा भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
श्री वसुश्रेष्ठ दास जी ने बताया कि पंचम दिवस पर श्रीकृष्ण जन्म का दिव्य उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। शांतिनगर कॉलोनी सहित पूरे गाडरवारा नगर में भक्तों में उत्साह का माहौल है।
कार्यक्रम विवरण
गाडरवारा नगर में प्रथम बार श्री वसुश्रेष्ठ दास जी, जो इस्कॉन उज्जैन के संन्यासी एवं इस्कॉन बदनावर के अध्यक्ष हैं, भागवताचार्य के रूप में विराजमान होकर
21 से 27 नवंबर तक
श्री ठाकुर सुरेंद्र सिंह जी के निवास — शांतिनगर कॉलोनी, गाडरवारा — में संगीतमय भागवत कथा का अमृतपान करा रहे हैं।







