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Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्वार्थ सिद्धि योग और सूर्य ग्रहण में करें श्राद्ध, जानें सही विधि, मुहूर्त और महत्व

Sarva Pitru Amavasya 2025 Shraddha Vidhi, Muhurat, Significance: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष की अंतिम तिथि को सर्व पितृ अमावस्या या सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। इस बार यह तिथि 21 सितंबर 2025 को है। खास बात यह है कि इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है और साथ ही साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगेगा।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सर्व पितृ अमावस्या 2025 मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक
  • राहुकाल – शाम 4:48 बजे से 6:19 बजे तक

सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व

  • आरंभ : 21 सितंबर 2025 सुबह 09:32 बजे
  • समाप्ति : 22 सितंबर 2025 सुबह 06:09 बजे

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए धार्मिक कार्य और दान-पुण्य विशेष फल प्रदान करते हैं। इस योग में श्राद्ध करना पितरों की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर है।

किनका होता है श्राद्ध?

  • अमावस्या, पूर्णिमा और चतुर्दशी तिथि को जिनकी मृत्यु हुई हो, उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
  • जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, उनका भी श्राद्ध इसी दिन करना शुभ माना जाता है।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि कोई सभी तिथियों पर श्राद्ध करने में सक्षम न हो तो केवल सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध करना पर्याप्त है।

श्राद्ध और तर्पण की विधि

  1. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  3. पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करें।
  4. गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी एवं देवताओं के लिए अन्न अर्पित करें।
  5. ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा दें।
  6. पीपल के वृक्ष की पूजा कर सात परिक्रमा करें।
  7. तिल और तेल का दीपक जलाकर पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें।

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व

  • इस दिन श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति और मोक्ष प्राप्त होता है।
  • परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • पितरों की कृपा से जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं।
  • यह दिन पूर्वजों को याद करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का विशेष अवसर है।

FAQ Section – Sarva Pitru Amavasya 2025

❓ सर्व पितृ अमावस्या 2025 कब है?

👉 सर्व पितृ अमावस्या 21 सितंबर 2025, शनिवार को है। इस दिन पितृ पक्ष का समापन होता है।

❓ सर्व पितृ अमावस्या पर कौन-सा योग बन रहा है?

👉 इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग और सूर्य ग्रहण का विशेष संयोग बन रहा है।

❓ सर्व पितृ अमावस्या पर किसका श्राद्ध किया जाता है?

👉 अमावस्या, पूर्णिमा और चतुर्दशी तिथि को दिवंगत पितरों का श्राद्ध इसी दिन किया जाता है। जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो उनका श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है।

❓ सर्व पितृ अमावस्या का शुभ मुहूर्त क्या है?

👉 अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा। राहुकाल शाम 4:48 से 6:19 बजे तक होगा।

❓ सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करना चाहिए?

👉 स्नान, तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोज, दान-दक्षिणा और पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।

 

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