MP News: मध्यप्रदेश में बिना फार्मासिस्ट के नहीं बिकेंगी दवाइयां, फार्मेसी काउंसिल ने जारी किए सख्त निर्देश
MP News: मध्यप्रदेश में बिना फार्मासिस्ट के नहीं बिकेंगी दवाइयां, फार्मेसी काउंसिल ने जारी किए सख्त निर्देश

MP Medical Pharmacist Order: मध्यप्रदेश में अब कोई भी मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के दवाइयां नहीं बेच सकेगा। मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर और मेडिकल स्टोर संचालकों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। नए नियमों के तहत अगर किसी स्टोर पर फार्मासिस्ट मौजूद नहीं पाया गया, तो मेडिकल का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और 3 महीने की सजा भी हो सकती है।
फार्मेसी काउंसिल ने सख्ती दिखाई
फार्मेसी काउंसिल ने कहा है कि बिना योग्य फार्मासिस्ट के दवाइयों की बिक्री पूरी तरह गैरकानूनी है।
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के दवाइयां बेचने पर भी कार्रवाई की जाएगी। आदेश जारी होने के बाद कई जिलों में मेडिकल स्टोर संचालक अपने फार्मासिस्ट को रजिस्टर कराने की तैयारी में जुट गए हैं।
कौन होता है फार्मासिस्ट?
फार्मासिस्ट एक ट्रेंड और लाइसेंसधारी स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Health Professional) होता है, जो दवाइयों की जानकारी, वितरण और उनके सही उपयोग के बारे में सलाह देता है।
उसे “मेडिसिन एक्सपर्ट” भी कहा जाता है। उसका मुख्य काम मरीज को सही दवा, सही मात्रा और सही तरीके से उपलब्ध कराना होता है।
मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट की जिम्मेदारियां
- प्रिस्क्रिप्शन की जांच: डॉक्टर द्वारा लिखी दवाओं और उनकी मात्रा की जांच करना।
- दवा देना और समझाना: दवा का नाम, समय और लेने का तरीका बताना।
- साइड इफेक्ट्स की जानकारी देना: संभावित दुष्प्रभावों से आगाह करना।
- रिकॉर्ड रखना: कौन-सी दवा कब और कितनी बिकी — इसका रजिस्टर में रिकॉर्ड रखना।
- क्वालिटी और एक्सपायरी की जांच: हर दवा की गुणवत्ता और एक्सपायरी डेट पर नजर रखना।
- ग्राहक को गाइड करना: बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली OTC दवाओं (जैसे विटामिन, दर्द निवारक आदि) के सही चयन में मदद करना।
नियम का असर
काउंसिल के आदेश के बाद कई जिलों में ड्रग विभाग निरीक्षण अभियान शुरू कर सकता है। फार्मेसी सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से दवा वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता और मरीजों की सुरक्षा बढ़ेगी।
निष्कर्ष MP Medical Pharmacist Order
मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और दवाओं के दुरुपयोग पर रोक लगाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। अब सभी मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए जरूरी होगा कि वे लाइसेंसधारी फार्मासिस्ट की मौजूदगी सुनिश्चित करें।

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