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Diwali 2025 Shubh Muhurat: दीपावली आज, ये दो घंटे पूजा के लिए सबसे शुभ, देखें कब से कब तक रहेगा

Diwali 2025 Shubh Muhurat: दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। जानें लक्ष्मी पूजन के स्थिर लग्न मुहूर्त, अमावस्या तिथि, पंचांग की अवधारणाएँ और घर-दुकान पूजा के शुभ समय।

दीपावली 2025 कब है? (Diwali 2025 Date and Tithi)

साल 2025 की दीपावली 20 अक्टूबर सोमवार को मनाई जाएगी। पूरे देश में दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं — घरों की सजावट, बाजारों की रौनक और लक्ष्मी पूजन की विशेष तैयारी के साथ यह पर्व उल्लास का प्रतीक बन गया है।

दीपावली के पांच दिन का उत्सव (Five Days of Diwali 2025)

  • धनतेरस: 17 अक्टूबर
  • रूप चौदस (नरक चतुर्दशी): 19 अक्टूबर
  • दीपावली: 20 अक्टूबर
  • गोवर्धन पूजा / अन्नकूट: 22 अक्टूबर
  • भाई दूज: 23 अक्टूबर

अमावस्या तिथि और उसका धार्मिक महत्व

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष रूप चौदस दोपहर 3:45 बजे तक रहेगी और उसके बाद अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी।
पंडितों के मुताबिक, कार्तिक अमावस्या को ही दीपावली का पर्व मनाया जाता है क्योंकि इसी प्रदोष काल में मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था।
इसलिए दीपावली पूजन भी अमावस्या के प्रदोष काल में ही श्रेष्ठ माना जाता है।

पंचांग की अवधारणाएँ और मतभेद

भारतीय ज्योतिष में दो प्रमुख पंचांग पद्धतियाँ मानी जाती हैं —

  • ग्रह लाघव पद्धति: सूक्ष्म गणित पर आधारित
  • ग्रह चैत्र पद्धति: दर्शय गणित पर आधारित

इन्हीं के अंतर के कारण कई बार तिथि निर्धारण में भिन्नता दिखाई देती है। इस बार प्रदोष काल की तिथि 20 अक्टूबर को आ रही है, इसलिए दीपावली इसी दिन मनाना श्रेष्ठ माना गया है।

दीपावली 2025: लक्ष्मी पूजन का सर्वोत्तम समय (Shubh Muhurat)

ज्योतिषाचार्य पंडित रवि शास्त्री के अनुसार, दीपावली पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस वर्ष अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 2:42 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन सूर्योदय तक रहेगी।
चूंकि दीपावली एक रात्रिकालीन पर्व है, इसलिए लक्ष्मी पूजन रात्रि में प्रदोष काल के दौरान किया जाना सर्वोत्तम रहेगा।

दीपावली पूजा के स्थिर लग्न शुभ मुहूर्त (For Home & Office)

घर पर पूजा के लिए स्थिर लग्न मुहूर्त

लग्नसमयमहत्व
वृश्चिक लग्नसुबह 8:23 AM – 10:39 AMशुभ आरंभ
कुंभ लग्नदोपहर 2:33 PM – 4:03 PMमध्याह्न पूजन
वृषभ लग्नशाम 7:09 PM – 9:03 PMसर्वश्रेष्ठ पूजन समय
सिंह लग्नरात 1:36 AM – 3:50 AMदेर रात पूजा के लिए उत्तम

दुकान या व्यवसायिक स्थल के लिए चर लग्न मुहूर्त

लग्नसमयमहत्व
मकर लग्नदोपहर 12:46 PM – 2:36 PMव्यापारिक शुरुआत
मेष लग्नशाम 5:31 PM – 7:08 PMसर्वश्रेष्ठ व्यापारिक पूजन

भौगोलिक स्थिति और तिथि का अंतर क्यों होता है?

तिथि की अवधि स्थिर नहीं होती — यह सामान्यतः 55 से 65 घटियों तक बदलती रहती है।
भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में सूर्योदय-सूर्यास्त के समय में अंतर होने से पूजा मुहूर्तों में भी परिवर्तन होता है।
इसीलिए ज्योतिषाचार्य हमेशा स्थानीय पंचांग या विद्वानों से समय की पुष्टि करने की सलाह देते हैं।

पिछले वर्ष भी रहा मतभेद

पिछले वर्ष दीपावली की तिथि को लेकर विद्वानों में मतभेद हुआ था।

  • 1 नवंबर को दीपावली मनाने का निर्णय लिया था,
  • जबकि  31 अक्टूबर को ही सही तिथि बताया था।
    अंततः अमावस्या प्रदोष काल के आधार पर 31 अक्टूबर की दीपावली को ही शास्त्रीय रूप से श्रेष्ठ माना गया था।

आज का दिवाली उपाय (Lakshmi Pooja Tips)

  • शाम के समय मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं
  • कुबेर मंत्र “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः” का जाप करें
  • पूजा के बाद परिवार सहित आरती करें और मिठाई का भोग लगाएं

ज्योतिषाचार्य पंडित रवि शास्त्री

 

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