ड्राई डे या ड्रिंक डे? नर्मदापुरम ने बना दिया मजाक, शहर के सार्वजनिक स्थल शराबियों के लिए खुला मैदान

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
नर्मदापुरम। गांधी जयंती के दिन, जब पूरा देश ड्राई डे मना रहा था, नर्मदापुरम शहर में ऐसा दृश्य देखने को मिला कि लोग चकित रह गए। कलेक्ट्रेट परिसर, कमिश्नर ऑफिस रोड, सब्जी मंडी और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर युवाओं ने खुलेआम शराब पी और सिगरेट का सेवन किया। ऐसा प्रतीत हुआ जैसे शहर में कानून और अनुशासन नाम की कोई चीज़ ही नहीं रही।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक जगहों पर यह अराजकता प्रशासन की निगरानी में गंभीर कमी को उजागर करती है। सोमवार रात 12 बजे तक गरबा ड्रेस में युवक-युवतियों का नशे में मस्ती करना और जिला पंचायत रोड पर प्रतिमा विसर्जन के दौरान शराब की बोतलें देखना इस बात का प्रमाण है कि नर्मदापुरम में नियम सिर्फ कागजों में ही मौजूद हैं।
एसडीओपी जितेंद्र पाठक ने स्वीकार किया कि सार्वजनिक स्थलों और सरकारी दफ्तरों के पास शराब पीना अपराध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अवैध शराब बेचने वालों पर कार्रवाई जारी है और जल्द ही सब्जी मंडी और अन्य जगहों पर शराब पीने वालों के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे। लेकिन शहरवासी अब प्रशासन के इस भरोसे को केवल वादे की तरह महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ड्राई डे पर खुलेआम शराब की उपलब्धता और उसका सेवन प्रशासन की गंभीर निष्ठाहीनता को दर्शाता है। नशे की बढ़ती घटनाओं और सार्वजनिक स्थानों के दुरुपयोग ने लोगों के धैर्य की सीमा पार कर दी है। जनता पूछ रही है कि आखिर कब तक नर्मदापुरम में अराजकता और नियमों की अनदेखी जारी रहेगी।
शहरवासी अब मांग कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ा और प्रभावशाली कदम उठाया जाए, नियमों की सख्ती से पालना कराई जाए और भविष्य में सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने जैसी घटनाओं पर पूर्ण नियंत्रण रखा जाए। फिलहाल, नर्मदापुरम के लोग इस दिन की शर्मनाक घटनाओं से गहरा निराश हैं और प्रशासन के अगले कदम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।