श्रद्धा उत्साह से गूंजा मंडीदीप, डोल ग्यारस पर निकली श्रीकृष्ण की भव्य पालकी यात्रा

संवाददाता सम्राट अंकित कुशवाहा
मंडीदीप। बुधवार को डोल ग्यारस का पर्व नगर में पारंपरिक उल्लास और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। रिमझिम बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बनता था। भगवान श्रीकृष्ण की पालकी यात्रा में जगह-जगह भक्तों ने फूल बरसाकर स्वागत किया और जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
दोपहर 3 बजे श्रीराम मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण का फूलों से सजा डोल निकाला गया, जो गणेश चौक होते हुए श्रीराधा कृष्ण मंदिर पहुंचा। यहां नगर के विभिन्न मंदिरों से आए डोल भी एकत्र हुए। ढोल-नगाड़ों की थाप और भक्ति गीतों के बीच सामूहिक आरती व पूजन किया गया।
इसके बाद सभी डोलों की शोभायात्रा भुजरिया तालाब के लिए रवाना हुई। मार्ग में श्रद्धालुओं ने आरती उतारी और “हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
समाजसेवी दिलीप जैन ने बताया कि डोल ग्यारस को जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। यह परंपरा माता यशोदा द्वारा श्रीकृष्ण के जन्म के अठारहवें दिन किए गए जल-घट पूजन की स्मृति में निभाई जाती है।
भुजरिया तालाब पहुंचकर विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण का स्नान कराया गया और सामूहिक आरती के बाद यात्रा का समापन हुआ। इस अवसर पर हिंदू उत्सव समिति के पदाधिकारी, समाजसेवी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।