नरसिंहपुर की महिला नाबालिग भांजे को लेकर जबलपुर में एटीएम लूटने पहुंची, सीसीटीवी से पकड़ी गई
जबलपुर में महिला और नाबालिग गिरफ्तार, स्कूल फीस न भर पाने की मजबूरी में रचा अपराध; महिला जेल और नाबालिग भांजा सुधार गृह भेजा गया

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में एक हैरान करने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक महिला ने अपने नाबालिग भांजे को साथ लेकर एटीएम लूटने की कोशिश की। घटना संजीवनी नगर थाना क्षेत्र की है। महिला का कहना है कि उसका भांजा 11वीं कक्षा में पढ़ता है और फीस जमा न होने की वजह से स्कूल से निकाले जाने की नौबत आ गई थी। पैसों की तंगी से जूझ रही मौसी ने जल्दबाजी में अपराध का रास्ता चुना, लेकिन दोनों की करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
एटीएम से छेड़छाड़ की सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस
संजीवनी नगर थाना प्रभारी बी.डी. द्विवेदी ने बताया कि शनिवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि इलाके के एक एटीएम बूथ में तोड़फोड़ की जा रही है। मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपी भाग निकले थे। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए।
फुटेज में साफ दिखा कि एटीएम बूथ में तोड़फोड़ करने वाली कोई गैंग नहीं बल्कि एक महिला और नाबालिग लड़का थे। दोनों ने रॉड और पेंचकश की मदद से मशीन तोड़ने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।
महिला की पहचान और गिरफ्तारी
जांच में सामने आया कि आरोपी महिला का नाम भारती मेहरा (24 वर्ष) है, जो मूल रूप से नरसिंहपुर जिले की रहने वाली है। उसकी शादी मथुरा में हुई थी और इन दिनों वह अपनी बहन के घर जबलपुर के संजीवनी नगर में रह रही थी।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भारती और उसके नाबालिग भांजे को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में महिला ने अपराध की वजह बताते हुए कहा कि भांजे की स्कूल फीस जमा करने के पैसे नहीं थे। फीस भरने की अंतिम तिथि निकलने वाली थी और स्कूल प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि फीस न भरने पर छात्र को बाहर कर दिया जाएगा।
कोर्ट के आदेश पर भेजी गई जेल
पुलिस ने भारती को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है, जबकि उसके नाबालिग भांजे को बाल सुधार गृह में भेजा गया। पुलिस ने उनके पास से रॉड, पेंचकश और अन्य सामान भी बरामद किया है।
समाज को झकझोर देने वाली घटना
यह मामला बताता है कि किस तरह आर्थिक संकट और मजबूरी इंसान को अपराध की राह पर धकेल सकती है। मौसी ने भांजे की पढ़ाई बचाने के लिए यह कदम उठाया, लेकिन उसका यह कदम न सिर्फ कानूनन अपराध है बल्कि नाबालिग को गलत राह पर ले जाने का गंभीर उदाहरण भी है।