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क्राइममध्य प्रदेश

घोड़ाडोंगरी हत्या मामला: दिव्यांग बेटे की हत्या के 13 दिन बाद भी आरोपी गिरफ्त से बाहर, माँ न्याय के लिए दर-दर भटक रही

संवाददाता शैलेंद्र गुप्ता शाहपुर

बैतूल/घोड़ाडोंगरी। घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में 5 अगस्त को हुए 23 वर्षीय युवक अमित उईके की हत्या को लेकर मृतक की माँ भागवती उईके अब न्याय की गुहार लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचीं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस अब तक आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है और उन्हें दबाव में बचाया जा रहा है। इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में आक्रोश और चिंता का माहौल है।

खेत में काम कर रहे दिव्यांग युवक की बेरहमी से हत्या

परिवार के अनुसार अमित उईके शारीरिक रूप से विकलांग था, लेकिन फिर भी वह मजदूरी और खेती कर परिवार का भरण-पोषण करता था। 5 अगस्त की शाम लगभग 6 से 7 बजे के बीच वह देनवा नदी किनारे खेत में काम कर रहा था। इस दौरान फसल पर आए मवेशियों को भगाने के लिए जैसे ही वह आगे बढ़ा, कुछ अज्ञात लोगों ने उस पर हमला कर दिया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

चश्मदीद गवाह और मृतक का चचेरा भाई रघुवर उईके ने बताया कि वह पास ही खेत में काम कर रहा था। जब अमित देर तक नहीं लौटा तो उसने हलचल सुनी और मौके पर पहुँचा। उसने देखा कि रातामाटी निवासी एक युवक नदी किनारे से जंगल की ओर भाग रहा था। आगे जाकर अमित का शव लहूलुहान अवस्था में पड़ा मिला।

पहले भी था विवाद, नामजद आरोपी अब तक गिरफ्त से बाहर

परिवार का कहना है कि खेत पर अक्सर कुछ लोगों के मवेशी घुस जाते थे और फसल को नुकसान पहुँचाते थे। इसी बात को लेकर अमित की कई बार उन लोगों से कहासुनी भी हुई थी। परिवार का मानना है कि उसी रंजिश में उसकी हत्या की गई। घटना के बाद पुलिस चौकी घोड़ाडोंगरी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसमें संदेह के आधार पर कुछ नामजद आरोपियों का भी उल्लेख किया गया।

लेकिन परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अब तक किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं किया है। वे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस किस दबाव में काम कर रही है, जबकि गवाह और संदेह दोनों ही मौजूद हैं।

न्याय की गुहार लेकर एसपी कार्यालय पहुँची माँ

मृतक की माँ भागवती उईके ने कहा –
“मेरा बेटा दिव्यांग था, फिर भी दिन-रात मेहनत करके परिवार का सहारा बना हुआ था। उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई, लेकिन 13 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस किसी दबाव में है, इसलिए अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। मैं अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटक रही हूँ।”

आज वे पूरे परिवार के साथ बैतूल के पुलिस अधीक्षक के पास पहुँचीं और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए आवेदन सौंपा।

ग्रामीणों में आक्रोश, उठ रहे सवाल

गाँव के लोगों का कहना है कि पुलिस की धीमी कार्यवाही से संदेह और गहरा हो रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल

13 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पकड़ से बाहर हैं, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना स्वाभाविक है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस मामले में तत्काल और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो आम जनता का भरोसा पुलिस से उठ जाएगा।

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