सोहागपुर: ग्राम सप्लाई में भ्रष्टाचार का खेल! 5000 रुपये दो तभी चलेगी मोटर, JE पर भी गंभीर आरोप
नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर क्षेत्र में ग्राम सप्लाई में खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल। आरोप है कि किसानों से 5000 रुपये लेकर ही मोटरें चलाई जा रही हैं। JE धुर्वे 4 साल से एक ही स्थान पर जमे हुए, जिससे विभाग में मनमानी और रिश्वतखोरी बढ़ी।

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
Narmadapuram News: सोहागपुर क्षेत्र के ग्राम सेमरी हरचंद में भ्रष्टाचार का काला चेहरा उजागर हुआ है। किसानों का आरोप है कि ग्राम सप्लाई में खुलेआम रिश्वत ली जा रही है। 5000 रुपये देने वाले किसानों की मोटरें चल रही हैं, जबकि ईमानदारी से काम कराने वालों को बिजली सुविधा से वंचित किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार का खुला खेल
ग्राम सप्लाई अध्यक्ष ने खुलासा किया है कि सिस्टम पूरी तरह भ्रष्ट हो चुका है। उन्होंने कहा – “हम रसीद कटवाने को तैयार हैं, लेकिन पर्सनल पैसा क्यों दें? जिन किसानों ने 5000 रुपये दिए, उन्हीं की मोटरें चलाई जा रही हैं।”
यह आरोप सीधा-सीधा बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
JE धुर्वे पर गंभीर आरोप
विद्युत विभाग के JE धुर्वे पर भी ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले 4 सालों से एक ही जगह जमे बैठे हैं और इसी वजह से भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को बढ़ावा मिला है। उनकी मिलीभगत के बिना रिश्वतखोरी संभव नहीं।
किसान परेशान, फसलें संकट में
रिश्वत न देने वाले किसानों की मोटरें बंद पड़ी हैं, जिससे सिंचाई ठप हो गई है। खेतों में खड़ी फसलें सूखने की कगार पर हैं। किसानों ने इसे अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि अगर सिस्टम यही रहा तो खेती करना मुश्किल हो जाएगा।
विभाग की लापरवाही
वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया भी असंतोषजनक रही। उन्होंने कहा कि अगर किसान लाइनमैन के नाम बताएंगे तभी कार्रवाई होगी। यानी जब तक किसान खुद सबूत न दें, तब तक विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
सोहागपुर की यह घटना दिखाती है कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार किस हद तक जड़ें जमा चुका है। किसानों से खुलेआम वसूली हो रही है और अधिकारी मूकदर्शक बने हैं। यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो यह भ्रष्टाचार किसानों की आजीविका और कृषि दोनों को बर्बाद कर देगा।