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3 शहर बदले, नेपाल तक पहुंची… ट्रेन-फ्लाइट बदली, आखिर सॉल्व हुई ‘मिस्ट्री गर्ल’ अर्चना तिवारी की गुत्थी

Archana Tiwari Case Press Conference : पुलिस ने किया खुलासा, शादी के दबाव से परेशान होकर खुद बनाई लापता होने की प्लानिंग

भोपाल/कटनी। 28 वर्षीय अधिवक्ता अर्चना तिवारी के लापता होने के केस ने पुलिस और परिवार दोनों को 12 दिन तक परेशान रखा। भोपाल से रहस्यमयी ढंग से गायब हुई अर्चना को लेकर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खुलासा किया। जांच में सामने आया कि अर्चना ने खुद ही यह पूरा गेम प्लान तैयार किया था। शादी के दबाव से परेशान होकर वह घर से निकली और 3 शहर बदलते हुए नेपाल बॉर्डर तक जा पहुंची।

कहां से शुरू हुई कहानी?

कटनी की मूल निवासी और जबलपुर में वकालत की प्रैक्टिस कर चुकी अर्चना बाद में इंदौर शिफ्ट होकर ज्यूडिशियल सर्विस की तैयारी कर रही थीं। इस बीच उनके लिए कई शादी के रिश्ते आए, लेकिन उन्होंने सभी ठुकरा दिए। राखी के मौके पर परिवार ने साफ कह दिया कि अब पढ़ाई बंद कर पटवारी से शादी करनी होगी। इसी दबाव के चलते अर्चना मानसिक रूप से परेशान हो गईं और घर छोड़ने का फैसला कर लिया।

सारांश से मुलाकात और दोस्ती

1 जनवरी 2025 को ट्रेन यात्रा के दौरान अर्चना की मुलाकात सारांश से हुई। सारांश ड्रोन कंपनी में काम करता है और स्टार्टअप चला रहा है। दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे दोस्ती गहरी हो गई। पुलिस पूछताछ में अर्चना ने साफ कहा – “यह सिर्फ दोस्ती थी, प्रेम प्रसंग नहीं।”

कैसे बनी लापता होने की प्लानिंग?

अर्चना को भरोसा था कि ट्रेन से लापता होना सबसे आसान रहेगा क्योंकि जीआरपी ज्यादा खोजबीन नहीं करती। इटारसी स्टेशन पर वह ट्रेन से उतरी और वहां तेजेंद्र से मिली, जो ट्रैवल एजेंसी में काम करता है और इंदौर में सारांश के पास रहता था।

  • सारांश ने अर्चना के लिए कपड़े भेजे।
  • तेजेंद्र ने कपड़े और घड़ी नदी में फेंक दिए, ताकि लगे कि अर्चना ट्रेन से गिर गई है।
  • इसके बाद अर्चना शुजालपुर में सारांश के साथ रुकी।

नेपाल तक का सफर

शुजालपुर से बुरहानपुर, फिर हैदराबाद, जयपुर और दिल्ली होते हुए अर्चना नेपाल बॉर्डर पहुंची। इस दौरान उसने मोबाइल फ्लाइट मोड में रखा ताकि ट्रेस न हो सके। नेपाल में वह कुछ दिन रही, लेकिन पुलिस की जांच आखिरकार उस तक पहुंच ही गई।

पुलिस का खुलासा

पुलिस ने बताया कि अर्चना की पूरी मदद सारांश और तेजेंद्र ने की। सारांश ने पहले तेजेंद्र का कर्ज चुकाने में मदद की थी, इसलिए वह भी इस प्लानिंग में शामिल रहा। पुलिस ने कहा कि चूंकि अर्चना ने कोई अपराध नहीं किया, इसलिए किसी पर केस दर्ज नहीं होगा। हालांकि, गुमशुदगी की यह फिल्मी कहानी सोशल मीडिया और पुलिस दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन गई।

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