राष्ट्रीयलाइफस्टाइल

साइकिल की हर पैडल में एक संकल्प – भारत की विरासत और पर्यावरण के लिए

सुबोध विजय का 3 साल का तप : 1 लाख पौधे, 1 लाख किलोमीटर और अंत में माउंट एवेरेस्ट का शिखर

संवाददाता राकेश पटेल इक्का

सोहागपुर। 26 वर्षीय पर्वतारोही, साइक्लिस्ट और पर्यावरण प्रेमी सुबोध विजय अपने अनोखे अभियान “साइकिल की हर पैडल में एक संकल्प – भारत की विरासत और पर्यावरण के लिए” के तहत आज सोहागपुर पहुँचे। यहाँ पहुँचने पर पुलिस प्रशासन और नागरिकों ने पुष्पगुच्छ व सम्मान के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

आधुनिकता और भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच एक 26 वर्षीय युवक ने अपने जीवन को भारत की विरासत और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित कर दिया है। महाराष्ट्र के रोहा रायगढ़ निवासी सुबोध विजय एक पर्वतारोही, साइक्लिस्ट और पर्यावरण प्रेमी हैं। उन्होंने “भारत की विरासत का सम्मान” संकल्प के साथ एक अद्वितीय मिशन शुरू किया है – 1 लाख किलोमीटर साइकिल यात्रा और 1 लाख पौधारोपण

यात्रा और लक्ष्य

  • अवधि : 3 वर्ष (2024–2027)
  • यात्रा : पूरे देश के 28 राज्यों में साइकिल से 1 लाख किमी
  • पौधारोपण : हर राज्य में पौधे लगाकर कुल 1 लाख वृक्ष
  • समापन : 2027 में माउंट एवेरेस्ट की चढ़ाई, भारत का तिरंगा और अभियान का संदेश लेकर

अब तक की उपलब्धियाँ

  • 439 दिन पूरे कर चुके हैं
  • 39,253 किमी की दूरी तय कर मध्यप्रदेश के विदिशा पहुँचे
  • अब तक उत्तर भारत के 8 राज्य पूरे किए, अब दक्षिण भारत की ओर प्रस्थान

सुबोध का अनुभव और रिकॉर्ड

  • अब तक 600 से अधिक पर्वत चोटियों पर चढ़ाई
  • छत्रपति शिवाजी महाराज के 371 किलों पर 365 दिन में चढ़ाई कर विश्व रिकॉर्ड बनाया
  • 40 दिनों में 650 किमी सह्याद्रि पर्वतमाला पार की
  • खारदुंगला, नुब्रा, फोतुला, नामिकला समेत 10 से अधिक ऊँचे दर्रे पार किए
  • 19,000 फीट ऊँचाई तक स्थित दुनिया की सबसे ऊँची मोटरेबल पास पर भी साइकिल चलाई

राष्ट्रीय संदेश

सुबोध विजय का यह अभियान सिर्फ उनका व्यक्तिगत सफर नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय पहल है –

  • फिट इंडिया मूवमेंट को प्रोत्साहन
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए जनजागरूकता
  • भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का सम्मान

सुबोध कहते हैं –

“शक्ति संकल्प सिर्फ एक थीम नहीं, बल्कि हर युवा के भीतर की आवाज़ है – मैं बदलूंगा, तभी देश बदलेगा।”

परिवार का सहयोग

सुबोध अपने बड़े भाई सुमित विजय को इस सफर का सबसे बड़ा संबल मानते हैं। साथ ही माता-पिता की प्रेरणा और आशीर्वाद ने उन्हें इस कठिन तपस्या को आगे बढ़ाने की ताकत दी।

जय हिंद | जय पर्यावरण
सुबोध विजय
(26 वर्षीय पर्वतारोही, साइक्लिस्ट, विश्व रिकॉर्ड धारक – रोहा, महाराष्ट्र)

 

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