विधायक जी! चेक बाउंस और दबंगई आपको शोभा नहीं देती
कोर्ट में पेशी के दौरान भाजपा विधायक को कड़ी फटकार, जेल का नाम सुनते ही पसीना पसीना हुए विधायक पटवा

संवाददाता सम्राट अंकित कुशवाहा
मंडीदीप – भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा गुरुवार को इंदौर के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (एमपी/एमएलए) देव कुमार की अदालत में पेश हुए। अदालत ने पेशी के दौरान विधायक पटवा को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने तीखे शब्दों में पूछा–
“आप इतने बड़े हो गए हैं कि थाना प्रभारी (टीआई) को घर से भगा देंगे, उन्हें वारंट तामील नहीं करने देंगे? आपके खिलाफ 19 स्थायी वारंट हैं। क्यों न आपको जेल भेज दिया जाए?”
इस सवाल पर विधायक पटवा गुमसुम खड़े रह गए और माथे से पसीना पोंछते नजर आए।
तीन घंटे कोर्ट में रहे पटवा
पेशी के दौरान पटवा को कोर्ट उठने तक करीब तीन घंटे अदालत में ही रुकना पड़ा। इस दौरान वे बार-बार पानी पीते रहे। उनके साथ आए 10 से अधिक समर्थक अदालत कक्ष के बाहर खड़े रहे।
कोर्ट का आदेश –
कोर्ट ने पटवा के वकील से कहा–
“इनका शपथ-पत्र बनवाइए, जिसमें वर्तमान और स्थायी पता, मोबाइल नंबर सहित सभी जानकारियां दर्ज हों इसके बाद ही पटवा को जमानत बांड भरवाकर रिहा किया गया।
वारंट वायरल होने पर समर्थकों का पलटवार
“पटवा के खिलाफ जारी वारंट जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए, तो उनके समर्थकों ने इसे “षड्यंत्र” करार दिया। समर्थकों ने यहां तक आरोप लगाए कि – “कांग्रेस एवं मंडीदीप के कुछ तथाकथित पत्रकार झूठ और अफवाहें फैला रहे हैं। यही लोग पहले भी सकल हिन्दू समाज के कार्यक्रम का विरोध कर असामाजिक तत्वों का साथ दे चुके हैं। समर्थकों का कहना है कि क्यों केवल वही पत्रकार बार-बार इस मामले को उछाल रहे हैं?”
“निचोड़”
“न्यायालय एवं कानून से बड़ा कोई नहीं”
इंदौर की अदालत में गुरुवार को जो नजारा दिखा, उसने यह साफ कर दिया कि कानून की नजर में कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, अदालत के सामने जवाब देना ही पड़ता है। भाजपा विधायक पटवा पर लगे आरोपों और कोर्ट की फटकार ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
“कोर्ट की एक फटकार ने ही विधायक को पसीना पसीना कर दिया यह देश का असली लोकतंत्र है और यही संविधान की असली ताकत है कि आप कभी मुख्यमंत्री के बेटे हो या फिर विधायक आप देश के संविधान और न्याय पालिका से ऊपर नहीं हो सकते हो न्यायालय के सामने आप अपराधी ही कहलाओगे
तो अंधभक्तों इसको भी षड्यंत्र बोलोगे क्या।
“युवा कांग्रेस रायसेन”
“जिला अध्यक्ष परेश नागर”
“हमारा व्यवसाय महिंद्रा एंड महिंद्रा, पॉलिमर और फार्मा से जुड़ा है। नोटबंदी और कोरोना काल में कारोबार पर असर पड़ा। आर्थिक चुनौतियों के कारण दिक्कतें आईं। हमने हमेशा भुगतान किया है और अब भी करने को बाध्य हैं। फिलहाल मामले में हाईकोर्ट से स्टे है और शीर्ष न्यायालय में सुनवाई चल रही है। जो भी निर्णय होगा, मान्य रहेगा।
“भोजपुर विधायक”
“सुरेंद्र पटवा”