मांगरोल धाम मां रेवा मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर पूज्य ब्रह्मचारी के सानिध्य में दिव्य औषधि पिलाई जायेगी

संवाददाता सम्राट अंकित कुशवाहा
रायसेन/उदयपुरा। बरेली नगर के निकट माँ नर्मदा के तट मंग्लेश्वर तीर्थ मांगरोल धाम में मां रेवा मंदिर पर शरद पूर्णिमा के पर्व पर सोमवार की रात दमा स्वास अस्थमा के मरीजों को प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आयुर्वेद के विद्वान जानकार पूज्य ब्रम्हचारी जी महामण्डलेश्वर वापोली मांगरोल धाम द्वारा आयुर्वेदीय परंपरा और वैदिक मंत्रोक्त औषधि अश्विन मास की पूर्णिमा के दिन सोमवार रात्री 12 बजे निशुल्क रूप से पिलाई जाएगी।
पूज्य ब्रम्हचारी जी महाराज के शिष्य वरिष्ठ समाजसेवी पंडित नरसीप्रसाद शर्मा ने बताया कि दिव्य औषधि को निशुल्क वितरण की जाती है। इस वर्ष पूर्णिमा सोमवार को है जिन लोगों को स्वास संबंधी बीमारी है, वह मांगरोल धाम पहुंचकर निशुल्क दिव्य खीर का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते है।
बाहर से आए मरीजों को आश्रम में ठहरने की समुचित व्यवस्था है। पूज्य ब्रम्हचारी जी के शिष्य वरिष्ठ समाजसेवी पंडित नरसीप्रसाद शर्मा ने बताया कि दिव्य आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा तैयार खीर जब भगवान को भोग लगाकर चन्द्रमा के प्रकाश में रखते है तो उसमें अमृत बरसता है जिससे प्रतिवर्ष सैकड़ों मरीजों को लाभ होता है।
उल्लेखनीय है कि पूज्य ब्रम्हचारी जी महाराज आयुर्वेद के विद्वान है। करीब दो दशक तक वापोली धाम में पूज्य गुरुजी बापोली वालों के सानिध्य में उन्होंने रस रसायन के साथ आयुर्वेद पर रिसर्च किया है। तपस्वी संत और रस रसायन के साथ ही आयुर्वेद के विद्वान ज्ञाता पूज्य ब्रम्हचारी जी महाराज ने बताया कि आज भी आयुर्वेद पद्धति बीमारियों को जड़ से खत्म करने में प्रभावी है। आयुर्वेदिक दवाइयां कभी भी नुकसान नही करती। उचित सलाह और उचित मात्रा में इनका उपयोग होना चाहिए। उन्होने बताया कि पूज्य गुरुजी के सानिध्य और मार्गदर्शन में करीब दो दशक तक वापोली धाम में बने रिसर्च सेंटर में रसायन और आयुर्वेदिक दवाईयों पर गहन अध्ययन किया है। काफी मरीजों का इलाज भी किया जो आज भी स्वस्थ्य है। मां रेवा मंदिर मांगरोल धाम पर सेवा को समर्पित बरेली क्षेत्र के पूज्य
ब्रम्हचारी जी के वरिष्ठ शिष्य समाजसेवी पंडित नरसीप्रसाद शर्मा ने बताया कि पूज्य ब्रम्हचारी जी महाराज द्वारा सोमवार को दिनभर तैयारी की जाएगी। फिर आयुर्वेदिक पध्दति और वैदिक मंत्रोक्त विधि द्वारा ब्रम्हचारी जी महाराज के मार्गदर्शन में खीर के साथ मरीजों को दवा दी जाएगी।