महेश्वर में लगेगी भगवान सहस्त्रबाहु जी की विशाल प्रतिमा, कलचुरी समाज का वर्षों पुराना सपना होगा पूरा
वर्षों की मेहनत और सामाजिक प्रयासों से मिली सफलता

संवाददाता अवधेश चौकसे
महेश्वर में भगवान सहस्त्रबाहु जी की विशाल प्रतिमा लगेगी। कलचुरी समाज के नेताओं और सामाजिक प्रयासों से वर्षों पुराना सपना पूरा होने जा रहा है।
खबर विस्तार से
नरसिंहपुर।
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के महेश्वर में भगवान सहस्त्रबाहु जी की विशाल प्रतिमा लगाने का मार्ग अब प्रशस्त हो गया है। कलचुरी समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु की कथा, सहस्त्रधारा और समाधि स्थल महेश्वर में स्थित है। लंबे समय से इस स्थान को धार्मिक व पर्यटन दृष्टि से विकसित करने और विशाल प्रतिमा स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। अब इन प्रयासों को सफलता मिलती दिखाई दे रही है।
कई सालों से चल रहा था प्रयास
इस अभियान में राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की संयोजक श्रीमती अर्चना जायसवाल, हैहयवंशी महासभा के जयनारायण चौकसे, कलचुरी महासभा के दिलीप सूर्यवंशी, भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, राकेश राय सीहोर, विनोद राय, पंकज चौकसे समेत समाज के सैकड़ों लोग सक्रिय रूप से जुड़े रहे।
सरकार तक पहुंचे समाज के प्रतिनिधि
- वर्ष 2020 से अब तक कई बार ज्ञापन सौंपे गए।
- शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव से प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर प्रतिमा स्थापना की मांग रखी।
- 20 जुलाई 2024 को समाज के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलकर महेश्वर में प्रतिमा लगाने और 100 कमरों के कलचुरी भवन निर्माण का ज्ञापन सौंपा।
- 6 अगस्त 2024 को संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र भावसिंग लोधी को ज्ञापन दिया गया।
- 11 अगस्त 2024 को उज्जैन धर्मस्व विभाग और कलेक्टर को विशेष योजना सौंपी गई।
- 23 सितम्बर 2024 को संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव को पूरी जानकारी दी गई।
- 7 अक्टूबर 2024 को खरगोन कलेक्टर को महेश्वर प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया गया।
- सितंबर 2025 में संस्कृति सचिव शिवशेखर शुक्ला से मुलाकात के बाद आश्वासन मिला कि इस प्रोजेक्ट को अहिल्या लोक योजना में शामिल किया जाएगा।
समाज का सामूहिक प्रयास
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष किशोर राय ने कहा कि यह सफलता किसी एक व्यक्ति या संस्था की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक कोशिशों का परिणाम है। समाज के वरिष्ठजन, नेता और हर स्तर पर जुड़े कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही अब भगवान सहस्त्रबाहु जी की प्रतिमा महेश्वर में लगने जा रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्य का श्रेय पूरे समाज को है। किसी एक व्यक्ति या संगठन द्वारा श्रेय लेने की प्रवृत्ति निंदनीय होगी। प्रतिमा स्थापना में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हर व्यक्ति का योगदान सराहनीय है।