भाजपा के दिग्गज नेता का अश्लील वीडियो वायरल,पार्टी में मचा हड़कंप उठाया ऐसा कदम कि सब हैरान

सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश। जिले की राजनीति उस समय गर्मा गई जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला उपाध्यक्ष गौरी शंकर अग्रहरी का कथित अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो सामने आने के बाद पार्टी आलाकमान ने तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्हें संगठन से निष्कासित कर दिया।
निष्कासन का आदेश
प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने लिखित आदेश जारी कर गौरी शंकर अग्रहरी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की घोषणा की।
पत्र में कहा गया कि “आपके द्वारा पार्टी की मर्यादा के प्रतिकूल आचरण सामने आने पर जिलाध्यक्ष और क्षेत्रीय अध्यक्ष से विचार-विमर्श के बाद तत्काल प्रभाव से निष्कासन किया जाता है।”
अश्लील वीडियो बना विवाद
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कथित तौर पर गौरी शंकर अग्रहरी एक लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे। वीडियो वायरल होते ही जिले में चर्चा का माहौल बन गया। पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराया, जिसके बाद जांच-पड़ताल के बिना निष्कासन का निर्णय लिया गया।
पार्टी की सख्त छवि बनाए रखने की कोशिश
पार्टी नेताओं का कहना है कि व्यक्तिगत जीवन में भी ऐसा आचरण संगठन की छवि के लिए हानिकारक हो सकता है। उच्च नेतृत्व ने तुरंत कार्रवाई कर जनता को संदेश दिया कि भाजपा किसी भी तरह के विवाद या गलत गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
जिले की राजनीति में हलचल
गौरी शंकर अग्रहरी जिला संगठन में एक सक्रिय और पुराने कार्यकर्ता माने जाते थे। वे चुनावी अभियानों और रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उनके अचानक निष्कासन के बाद जिले के कार्यकर्ताओं में हलचल मची है।
- कुछ कार्यकर्ता इसे उचित कार्रवाई मान रहे हैं।
- जबकि कुछ इसे राजनीतिक साजिश भी बता रहे हैं।
विपक्ष का हमला
इस घटनाक्रम ने विपक्षी दलों को भी निशाना साधने का मौका दिया।
- कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कहा कि पार्टी आदर्शवाद की बातें करती है, लेकिन नेता इस तरह के कांड में पकड़े जा रहे हैं।
- विपक्ष का दावा है कि भाजपा नेता दोहरी राजनीति कर रहे हैं।
समर्थकों की प्रतिक्रिया
गौरी शंकर अग्रहरी के कुछ समर्थकों का कहना है कि वायरल वीडियो राजनीतिक विरोधियों की साजिश हो सकती है। उनका तर्क है कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई हो सकती है और बिना जांच के इतनी बड़ी कार्रवाई जल्दबाजी है।