बरेठा घाट की बदहाल सड़क बनी जनता की परेशानी का कारण, हर दो दिन में लगता है जाम

संवाददाता शैलेंद्र गुप्ता शाहपुर
शाहपुर शैलेन्द्र गुप्ता/ बैतूल-भोपाल फोरलेन पर स्थित बरेठा घाट की सड़क की हालत अब इतनी खराब हो चुकी है कि यह आम लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई है। घाट में हर दो-तीन दिन में ट्रक पलटने या वाहनों के फंसने की वजह से जाम की स्थिति बन रही है। एनएचएआई द्वारा न तो नई सड़क का निर्माण कराया जा रहा है और न ही पुरानी सड़क की मरम्मत की जा रही है।
सोमवार को फिर ट्रक पलटा, 8 घंटे तक जाम सोमवार दोपहर करीब 3 बजे एक बार फिर बरेठा घाट में ट्रक पलट गया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। यात्रियों की बसें मजबूरी में रानीपुर, घोड़ाडोंगरी होते हुए भोपाल की ओर निकलीं। कई बसों को 30 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ा। शाम 8 बजे तक जाम लगा रहा और आधा सैकड़ा गांव प्रभावित हुआ। स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 10 साल से नहीं बनी सड़क, वन्यजीवों के नाम पर काम रुका।
बरेठा घाट में सड़क निर्माण का कार्य करीब दस साल से अधूरा पड़ा है। दो साल पहले सड़क बना रही पुणे की जितेन्द्रसिंह कंपनी ने काम शुरू किया था, लेकिन महाराष्ट्र के एक युवक द्वारा वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने निर्माण पर रोक लगाकर अंडरपास सहित निर्माण का निर्देश दिया, जिसके बाद से काम ठप पड़ा है। सड़क में गड्ढे ही गड्ढे, रोज हो रहे हादसे सड़क की हालत इतनी खराब है कि बड़े-बड़े गड्ढों से होकर बसें, बाइक, ट्रक, कंटेनर सभी गुजरते हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
ट्रक पलटने की घटनाएं आम हो गई हैं। जाम लगने पर यह 8-10 घंटे तक खुल नहीं पाता।जनप्रतिनिधि मौन, जनता परेशान स्थानीय सांसद डीडी उईके, जो अब केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हैं, सड़क की हालत के कारण अक्सर नागपुर से हवाई यात्रा करते हैं। वहीं विधायक गंगा उईके और अन्य नेता इसी खराब सड़क से आना-जाना करते हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर प्रयास नहीं किए गए।
जनता की मांग: जल्द हो निर्माण जिलेवासियों और वाहन चालकों ने एनएचएआई व शासन से मांग की है कि जब तक नई सड़क का निर्माण नहीं होता, तब तक पुरानी सड़क की तत्काल मरम्मत की जाए, ताकि रोजाना लगने वाले जाम और हादसों से राहत मिल सके ।