क्राइममध्य प्रदेश

नर्मदापुरम की नहर में करंट, मौत के शिकंजे में फँसा मासूम मगरमच्छ

मछलियों के लालच में हुई निर्दोष जीव की बलि, वन विभाग ने हफ्तेभर में किया सनसनीखेज खुलासा

संवाददाता राकेश पटेल इक्का

नर्मदापुरम/सोहागपुर, मध्य प्रदेश – वन विभाग की सतर्कता और मुखबिर की सूचना के चलते ग्राम सिंगवाड़ा में एक मृत मगरमच्छ मिलने का मामला सामने आया है। घटना दिनांक 17 सितंबर 2025 की है।

घटना की पूरी जानकारी

मुखबिर की सूचना मिलने पर श्री अशोक कुमार, मुख्य वन संरक्षक (वनवृत्त नर्मदापुरम), श्री मयंक गुर्जर, वनमंडलाधिकारी (वनमंडल सामान्य नर्मदापुरम) और श्री मानसिंह मरावी, उप वनमंडलाधिकारी (उप वनमंडल सामान्य सोहागपुर) के मार्गदर्शन में वन परिक्षेत्राधिकारी श्री सुमित पाण्डेय की अगुवाई में टीम गठित की गई।

टीम में वनपाल श्री संजय तिवारी, वनरक्षक श्री फुलेन्द्र रंजन, वनरक्षक श्री रोहित पटेल और अन्य वन अमले ने गश्ती के दौरान लीलाबाई नायक के खेत में एक मृत मगरमच्छ पाया। मगरमच्छ का बायाँ पैर बांस और जीआई तार से बंधा हुआ था।

 

नर्मदापुरम

जांच और साक्ष्य

मौका स्थल का निरीक्षण करते हुए टीम ने आसपास के क्षेत्र में तलाशी ली। तलाशी के दौरान निम्नलिखित सामग्री बरामद हुई:

  • 3 खाली पेस्टीसाइड के डिब्बे
  • 2 खाली नमकीन पाउच
  • लगभग 200 फीट लंबी बिजली की डोरी

मृत मगरमच्छ की लंबाई 148 सेंटीमीटर पाई गई। मौके का पंचनामा और जप्तीनामा तैयार कर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 13710/61 दिनांक 17-09-2025 दर्ज किया गया।

नर्मदापुरम

आरोपियों की गिरफ्तारी

जांच के दौरान मुखबिर की जानकारी के आधार पर दिनांक 23 सितंबर 2025 को दो संदिग्ध व्यक्तियों को ओमप्रकाश वल्द रमेश मर्सकोले और उत्तम वल्द किशन सिंह उड़के को निरीक्षण कुटीर सोहागपुर बुलाया गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने नहर में मछली मारने के लिए बिजली की डोरी खींची थी, जिससे करंट लगा और मगरमच्छ की मृत्यु हो गई।

कानूनी कार्रवाई

उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं 2, 9, 39, 50, 51 के अंतर्गत मामला दर्ज कर माननीय न्यायालय सोहागपुर में प्रस्तुत किया गया।

वन विभाग का संदेश

वन विभाग ने जनता से अपील की है कि वन्य जीवों और मगरमच्छ जैसे संकटग्रस्त प्रजातियों को नुकसान पहुँचाने से बचें। किसी भी वन्य जीव से संबंधित आपात स्थिति होने पर तुरंत नजदीकी वन विभाग को सूचित करें।

 

 

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