नरसिंहपुर फर्जी दुष्कर्म केसः वसूली करने वाले तीनों आरोपी जेल भेजे गए, महिला थाना प्रभारी और आरक्षक पर लगे गंभीर आरोप
नरसिंहपुर के चर्चित फर्जी दुष्कर्म प्रकरण में वसूली करने वाले तीनों आरोपी जेल भेजे गए। पीड़ित पक्ष ने महिला थाना प्रभारी और आरक्षक पर शामिल होने के आरोप लगाए हैं। अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

नरसिंहपुर। जिले के चर्चित फर्जी दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग प्रकरण में वसूली करने वाले गिरोह के तीनों आरोपी अब जेल पहुंच चुके हैं। सोमवार को स्टेशनगंज थाना पुलिस ने बचे हुए दो आरोपियों बृजेंद्र दुबे उर्फ छुट्टू महाराज और संदीप राजपूत को न्यायालय में पेश किया, जहां अदालत ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
इस बीच पीड़ित दंपती ने पुलिस अधिकारियों पर संलिप्तता के आरोप लगाते हुए महिला थाना प्रभारी और एक प्रधान आरक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
तीनों आरोपी जेल में, जमानत खारिज
पुलिस ने इस प्रकरण की मुख्य आरोपी महिला पूना बाई चौधरी को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
शेष दो आरोपी बृजेंद्र दुबे और संदीप राजपूत को रविवार को हिरासत में लिया गया। सोमवार दोपहर न्यायालय परिसर में गहमागहमी के बीच सुनवाई के बाद दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई, जिसके बाद तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
आरोपियों की गिरफ्तारी और रकम जब्ती को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं।
थाना प्रभारी रत्नाकर हिंग्वे ने रविवार को आरोपियों को न्यायालय में पेश नहीं किया था, यह कहते हुए कि ₹30,000 की जब्त राशि बरामद नहीं हुई है।
हालांकि, सवाल यह उठा कि जब 2 अक्टूबर को पुलिस ने रकम सहित आरोपी को पकड़ा था, तो वह राशि आरोपी के कार्यालय में कैसे पहुंची। बाद में देर रात पुलिस ने उक्त रकम बरामद की।
दो लाख में राजीनामा करने की मांग
पीड़ित दंपती राजेश और सुमन जैन ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे शिकायत पत्र में बताया कि
1 अक्टूबर को महिला थाना में बुलाकर आरोपी बृजेंद्र दुबे, संदीप राजपूत और पूना बाई ने उनसे दो लाख रुपए में राजीनामा करने की मांग की।
दंपती ने आरोप लगाया कि महिला थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक रश्मि शर्मा ने भी दबाव बनाते हुए कहा —
“जल्दी राजीनामा करो, नहीं तो एफआईआर दर्ज होगी।”
शिकायत के अनुसार, दंपती को लगभग चार घंटे तक थाने में बैठाकर अपमानित किया गया, जिसकी पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में दर्ज है।
न्यायालय में दोनों पक्षों की दलीलें
पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय राजपूत ने पक्ष रखा,
जबकि आरोपियों की ओर से अधिवक्ता जलज खेमरिया ने जमानत याचिका दायर की थी।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज करते हुए आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया।