नगर परिषद साईखेड़ा की लापरवाही शर्मनाक: श्मशान घाट में अव्यवस्था, परिजन खुले आसमान तले मजबूर
प्रशासन की उदासीनता ने लोगों को किया पीड़ित, 22 लाख की राशि भी व्यर्थ

साईखेड़ा। नगर परिषद साईखेड़ा की कार्यप्रणाली फिर से सवालों के घेरे में है। वार्ड 1 से 6 के लोगों को वार्ड नंबर 6 स्थित मुक्तिधाम में ही अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है, लेकिन यहां बुनियादी सुविधाओं की पूर्ण अनुपस्थिति लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। बारिश या किसी अन्य मौसम में लोग खुले आसमान तले अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
प्रशासन की लापरवाही उजागर
मुक्तिधाम में न टीन शेड है, न बाउंड्री वॉल, केवल कुछ पिलर खड़े हैं। अंतिम यात्रा में शामिल लोग सर्दी, बारिश और गर्मी झेलते हुए अपने प्रियजनों को विदा करने को विवश हैं।

स्थानीय लोग नाराज हैं और कहते हैं कि जहां लोगों की अंतिम यात्रा पूरी होती है, वहाँ प्रशासन की उदासीनता और नाकामी साफ दिखाई देती है।
स्वीकृत राशि का कोई उपयोग नहीं
समाजसेवी जयवर्धन भदोरिया के अनुसार शासन द्वारा मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार के लिए 22 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। सड़कें इतनी खराब हैं कि अंतिम संस्कार की लकड़ियां वाहन से नहीं पहुंचाई जा सकतीं, लोग हाथ में लेकर जाते हैं।
नगर में दो श्मशान घाट हैं, दोनों की स्थिति बेबस और दयनीय है। वार्ड 1 से 6 के लोगों का अंतिम संस्कार होने वाला मुक्तिधाम विशेष रूप से अव्यवस्थित और शर्मनाक स्थिति में है।
दबाव बनाते नेता
भाजपा मंडल अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने नगर परिषद प्रशासन से तुरंत सुधार कार्य की मांग की है और कहा कि स्वीकृत राशि का दुरुपयोग न किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी पीड़ादायक और शर्मनाक स्थिति फिर न दोहराई जाए।







