दूधी नदी में अचानक आई बाढ़ से टापू पर फंसे 7 ग्रामीण, पुलिस व एनडीआरएफ ने चलाया सफल रेस्क्यू ऑपरेशन

साईंखेड़ा/नरसिंहपुर। जिले के सांईखेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तूमड़ा में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक दूधी नदी का जलस्तर बढ़ने से सात ग्रामीण बीच टापू पर फंस गए। सूचना मिलते ही प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
कैसे हुआ हादसा
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बुधवार को दूधी नदी का जलस्तर अचानक तेज़ी से बढ़ा। इसी दौरान ग्राम तूमड़ा के सात ग्रामीण नदी किनारे पहुंचे और तेज़ बहाव के कारण बीच टापू पर फंस गए। आसपास के लोगों ने स्थिति देखकर तुरंत थाना सांईखेड़ा पुलिस को सूचना दी।
रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत
सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप भूरिया और एसडीओपी गाडरवारा रत्नेश मिश्रा को तत्काल राहत-बचाव अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। निर्देश के पालन में थाना सांईखेड़ा प्रभारी प्रकाश पाठक के नेतृत्व में पुलिस बल, तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव, एनडीआरएफ टीम और स्थानीय नाविक मौके पर पहुंचे।
मोटरबोट और नावों की मदद से जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में अभियान चलाया गया। करीब एक घंटे के कठिन प्रयासों के बाद सभी ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
फंसे हुए ग्रामीणों के नाम
- सुमन बाई पत्नी कठोरी कुशवाहा
- रजन बाई पत्नी मुन्नालाल कुशवाहा
- खुम्मा पिता भूरा कुशवाहा
- विनोद कुशवाहा पिता देवी सिंह कुशवाहा
- विजय पिता रामदीन कुशवाहा
- मुन्ना पिता छोटेलाल कुशवाहा
- आशीष पिता मुन्नालाल कुशवाहा
सभी निवासी ग्राम तूमड़ा, थाना सांईखेड़ा हैं।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस रेस्क्यू अभियान में तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव, थाना प्रभारी उ.नि. प्रकाश पाठक, स.उ.नि. सतीश सिंह राजपूत, आरक्षक सुदीप बागरी तथा एनडीआरएफ के सैनिक हरिकिशन रजक, केहर सिंह, नरवर सिंह कौरव और रामरतन श्रीवास का विशेष योगदान रहा।
पुलिस अधीक्षक ने की प्रशंसा
पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना ने राहत कार्य में जुटी टीम की सराहना की और कहा कि संकट की घड़ी में प्रशासन और सुरक्षा बलों की तत्परता ही लोगों की जान बचा सकती है। उन्होंने इस सराहनीय कार्य के लिए शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है।