डंडों और राड से युवक की बेरहमी से मारपीट; मारपीट का वीडियो सामने — पुलिस अधीक्षक से कार्यवाही की मांग
करेली थाना क्षेत्र के बरौदिया (पिपरिया) में 23 सितंबर को तीन युवकों ने राड व लाठियों से पीटा, 1 अक्टूबर को पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दी

नरसिंहपुर।
थाना करेली के अंतर्गत आने वाले ग्राम बरौदिया (पिपरिया) में 23 सितंबर, 2025 को तीन व्यक्तियों द्वारा टीकाराम पटैल (उम्र 28 वर्ष पुत्र करोढ़ीलाल पटैल) के साथ बेरहमी से मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि राम नरेश (पिता गनेश लीलावत), राजेश (पिता गनेश लीलावत) और संतराम ठाकुर ने टीकाराम को डंडे व राड से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिससे उसके शरीर पर कई चोटें आईं तथा हाथ फ्रैक्चर हो गया।
घटना और शिकायत
- शिकायतकर्ता टीकाराम पटैल ने बताया कि 23 सितंबर को उसे बेरहमी से पीटा गया और किसी ने पुलिस को सूचना दी। वह गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
- पीड़ित के परिचितों में से किसी ने घटना का वीडियो भी बना लिया है जिसमें आरोपियों द्वारा टीकाराम को मारते हुए दिखाया गया है; वीडियो बनाने वाले को रोकने की कोशिश भी की जा रही है।
- आरोपियों के विरुद्ध करेली थाना के अंतर्गत आमगांव पुलिस चौकी द्वारा अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई — इस बात का हवाला देते हुए पीड़ित ने 1 अक्टूबर, 2025 को पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत कर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
समाचार में दर्ज प्रमुख बिंदु
- पीड़ित का नाम: टीकाराम पटैल, पिता: करोढ़ीलाल पटैल, आयु: 28 वर्ष।
- आरोपित: राम नरेश (पिता गनेश लीलावत), राजेश (पिता गनेश लीलावत), संतराम ठाकुर।
- तिथि घटना: 23 सितंबर, 2025।
- तिथि शिकायत: 1 अक्टूबर, 2025।
- परिणाम: पीड़ित को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया; हाथ फ्रैक्चर की सूचना।
- सबूत: मारपीट का वीडियो उपलब्ध है।
पीड़ित की माँग और पुलिस प्रतिक्रिया
शिकायत में टीकाराम ने स्पष्ट किया है कि स्थानीय पुलिस चौकी द्वारा अभी तक आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई। शिकायतकर्ता ने पुलिस अधीक्षक से आरोपियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई और घटना में शामिल सभी दोषियों की पहचान कर शास्ति की मांग की है। पुलिस अधीक्षक ने उक्त मामले में कार्रवाई का आश्वासन देने की बात कही है (शिकायतकर्ता के बयान के अनुसार)।
अपेक्षित अगला कदम
- जांचकर्ता (स्थानीय पुलिस) से CCTV, वीडियो फुटेज और चिकित्सा रिपोर्ट के अनुरोध के माध्यम से घटना की स्वतंत्र रूप से पुष्टि कर आरोपों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
- पीड़ित के सक्षम इलाज व सुरक्षा का प्रबंध सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- यदि स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित उच्च स्तरीय अधिकारियों के पास या न्यायिक उपायों का सहारा ले सकता है।