ठाकुर यशवंत सिंह राजपूत: राजनीति में सादगी और सेवा का जीवंत प्रतीक
ठाकुर यशवंत सिंह राजपूत माखननगर के नेता हैं, जिन्होंने राजनीति में सादगी और सेवा को अपनाया। उन्होंने सत्ता नहीं, समाज को साधकर लोगों के दिलों में जगह बनाई।

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
माखननगर। राजनीति में सत्ता की चमक भले ही आम लोगों को आकर्षित करती हो, लेकिन कुछ नेता ऐसे भी होते हैं जो सत्ता के बजाय समाज को साधने में विश्वास रखते हैं। ठाकुर यशवंत सिंह राजपूत माखननगर के उन्हीं नेताओं में से हैं। उनका व्यक्तित्व राजनीति से पहले इंसानियत और सेवा का प्रतीक है।
समाज के लिए उनकी सोच और कार्य
ठाकुर यशवंत सिंह किसी मंच या रैली के लिए नहीं, बल्कि अपने कर्मों के माध्यम से लोकप्रिय हैं। उन्होंने हमेशा यह साबित किया कि नेतृत्व का मतलब केवल आदेश देना नहीं, बल्कि साथ चलना और सेवा करना है।
- किसानों और बच्चों की मदद: गरीब बच्चों को पढ़ाई में मदद, किसानों के हक़ की लड़ाई में उनके साथ खड़ा रहना।
- करणी सेना में जिम्मेदारी: उन्हें नर्मदापुरम संभाग का संरक्षक नियुक्त किया गया, जो समाज की ओर से उनके प्रति स्वीकृति का प्रतीक है।
- सामाजिक योगदान: समाज की समस्याओं को सुनना, जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाना, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हेतु प्रयास।
राजनीति में विनम्रता और समझदारी
वे कांग्रेस पार्टी में सधे हुए नेता के रूप में जाने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से उनका जुड़ाव उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और सूझ-बूझ को दर्शाता है। ठाकुर यशवंत सिंह राजनीति को पेशा नहीं मानते, बल्कि इसे सेवा का माध्यम समझते हैं।
समाज की नजर में ‘सहारा’
उनके क्षेत्र के लोग उन्हें केवल नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक “सहारा” के रूप में जानते हैं। संकट के समय वे सबसे पहले पहुंचते हैं, स्कूलों में बच्चों के लिए किताबें और संसाधन उपलब्ध कराते हैं। उनका यह व्यवहार किसी नारे या प्रचार का परिणाम नहीं, बल्कि स्वभाविक सेवा की प्रवृत्ति है।
राजनीति में मानवीयता का प्रतीक
ठाकुर यशवंत सिंह राजपूत सत्ता के शोरगुल में भी मानवीयता बनाए रखे हैं। उनका व्यक्तित्व यह याद दिलाता है कि नेता वही होता है जो समाज की नब्ज़ सुन सके और मौन में भी सही दिशा दे सके।
मुख्य बिंदु:
- राजनीति में सादगी और सेवा का प्रतीक।
- किसानों, बच्चों और समाज की समस्याओं में सक्रिय।
- करणी सेना द्वारा नर्मदापुरम संभाग का संरक्षक।
- कांग्रेस में सधे हुए नेता के रूप में जाने जाते हैं।
- सत्ता से ऊपर उठकर समाज के लिए कार्यरत।