मध्य प्रदेश

जनसुनवाई बनी औपचारिकता, किसानों व आम जनता की समस्याएँ अनसुनी — सोहागपुर प्रशासन पर उठे सवाल

संवाददाता राकेश पटेल इक्का

सोहागपुर। जनसुनवाई जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान देने का मंच है, लेकिन सोहागपुर की ताज़ा जनसुनवाई में यह महज़ औपचारिकता साबित हुई। सैकड़ों लोगों ने अपनी समस्याएँ रखीं, आवेदन दिए, लेकिन प्रशासन की बेरुखी ने उम्मीदों को झटका दिया।

किसानों की बड़ी पीड़ा – मूंग भुगतान और बिजली संकट

जनसुनवाई में सबसे ज्यादा मुद्दे किसानों ने उठाए। समर्थन मूल्य पर खरीदी गई मूंग का बकाया भुगतान, गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता, पर्याप्त खाद और निर्बाध बिजली आपूर्ति की माँग सामने आई। ब्लॉक कांग्रेस ने भी इन मुद्दों पर लिखित आवेदन दिया, मगर अब तक ठोस कदम उठते नहीं दिख रहे।

ग्रामीण बस्तियों की समस्याएँ भी अनसुनी

  • ग्राम बमोरी खुर्द: अटल ज्योति योजना के लाभ से अब भी वंचित, क्योंकि बिजली लाइन बिछाना बाकी।
  • किलापुरा वार्ड: सड़क और नाली निर्माण की माँग पिछले 3 सालों से अटकी, नगर परिषद की फाइलें धूल खा रही हैं।
  • अरविंद शिकारी: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पट्टे का इंतज़ार जारी।
  • राम सिंह गुर्जर: खेत पर से अवैध कब्जा हटाने की शिकायत भी अनसुनी रह गई।

जनता के सवाल – क्या सिर्फ खानापूर्ति है जनसुनवाई?

स्थानीय लोगों का कहना है कि:
जब प्रशासन ही चुप है, तो जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?
क्या जनसुनवाई अब सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति बनकर रह गई है?

नतीजा

सोहागपुर की तस्वीर साफ बताती है कि जनता की आवाज़ दब रही है और समाधान का मंच बेअसर हो चुका है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि प्रशासन कब जागेगा और कब लोगों की समस्याओं पर ठोस कार्रवाई होगी।

 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!