केसला में ग्रामीणों का विरोध: सामुदायिक पट्टा वाली भूमि पर वन विभाग की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं

संवाददाता सनी लालवानी इटारसी
नर्मदापुरम/केसला। आदिवासी विकासखंड केसला के ग्राम पिपरिया कला, नया चीचा और चाटुवा के ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा सामुदायिक पट्टा वाली भूमि में की जा रही दखलंदाजी के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। रविवार को ग्राम पिपरिया कला में आयोजित बैठक में तीनों गांवों के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में शामिल हुए।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि उन्हें वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक दावा का पट्टा प्राप्त है। ऐसे में ग्रामसभा या ग्रामीणों की सहमति के बिना शासन-प्रशासन किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
संगठन की आपत्ति
बैठक में उपस्थित किसान आदिवासी संगठन एवं समाजवादी जनपरिषद के प्रतिनिधि फागराम और कपिल खंडेलवार ने कहा—
- “एक तरफ सरकार सामुदायिक पट्टा देकर अधिकार देती है और दूसरी तरफ उसी जमीन को छीनने की कार्रवाई करती है, यह दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
- “वन विभाग द्वारा फेंसिंग और सर्वे जैसी गतिविधियां पूरी तरह अवैधानिक हैं।”
ग्रामीणों की नाराज़गी
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग उनकी सामुदायिक पट्टा वाली भूमि पर बगैर ग्रामसभा की अनुमति के जाली की फेंसिंग करने की तैयारी कर रहा है। इसी कारण ग्रामीणों में गहरी नाराज़गी है।
आगे की रणनीति
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही कलेक्टर नर्मदापुरम से मुलाकात करेगा और लिखित शिकायत दर्ज कराएगा।