कांग्रेस ने जनहित की मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
गाडरवारा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर किया विरोध प्रदर्शन

गाडरवारा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जुलूस की शक्ल में एसडीएम कार्यालय पहुंचकर 6 सूत्री जनहितेषी मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष व नपा नेता प्रतिपक्ष जिनेश जैन, साईंखेड़ा ब्लॉक अध्यक्ष दिग्विजय सिंह पटेल, चीचली ब्लॉक अध्यक्ष छोटेराजा कौरव के नेतृत्व में दिया गया। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सुनीता पटेल भी विशेष रूप से मौजूद रहीं।
तहसीलदार प्रियंका नेताम को सौंपे गए इस ज्ञापन के समय पुलिस उप अधीक्षक रत्नेश मिश्रा और सीएमओ वैभव देशमुख भी मौजूद रहे।
कांग्रेस ने रखीं प्रमुख मांगें
कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन के माध्यम से नगर और ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं पर आवाज उठाई। मुख्य मांगें इस प्रकार रहीं–
- लगातार हो रही अघोषित विद्युत कटौती को तुरंत बंद किया जाए।
- उपभोक्ता की सहमति के बिना स्मार्ट मीटर न लगाए जाएं।
- आवारा मवेशियों से बिगड़ती यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
- नगर पालिका वार्डों के स्वीकृत कामों को जल्द पूरा किया जाए।
- मूंग खरीदी का भुगतान किसानों को शीघ्र दिलाया जाए।
- बरसात के मौसम में शहर में जलभराव की समस्या का समाधान किया जाए।
ज्ञापन का वाचन अवधेश रुसिया ने किया।
विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेताओं ने कहा कि नगर की व्यवस्थाएं पूरी तरह चौपट हैं, हाका गैंग पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, आवास योजना में गड़बड़ी हुई है और सोयाबीन प्लांट टैक्स मामले पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया।
बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल
विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता बसंत डागा, सुरेंद्र पटेल, सुरेंद्र ढिमोले, शिवकुमार नीखरा, के जी आजाद, उमा गुप्ता, संगीता जायसवाल, राजीव दुबे, अभिषेक पटेल, अनिल साहू, मेहमूद पहलवान, राजदीप दुबे, हंसु राय, सुखदेव शर्मा, संजय पटेल, बबलू कौरव, संदीप पटेल, विनोद ठाकुर, आयुष जैन, हुसैन बोहरा, बालमुकुंद कौरव, मनीष ममार, लकी अली, शरद साहू, ध्रुव राडवे सहित महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और कांग्रेस सेवादल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
चेतावनी दी गई
कांग्रेसजनों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं हुआ तो पार्टी बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।