मध्य प्रदेश

‘एक पंखा पितरों के नाम’ अभियान में दिख रही समाज की सहभागिता

नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर क्षेत्र में शिक्षक और आमजन कर रहे विद्यालयों को सहयोग

संवाददाता राकेश पटेल इक्का

नर्मदापुरम।
पितृपक्ष के अवसर पर जिले में शिक्षा विभाग ने एक सराहनीय पहल शुरू की है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिला शिक्षा केंद्र द्वारा ‘एक पंखा पितरों के नाम’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सोहागपुर क्षेत्र में शासकीय शिक्षक और आमजन विद्यालयों को पंखे, पानी की टंकियां, कूलर और अन्य आवश्यक सामग्री दान कर सहयोग दे रहे हैं।

एक पंखा पितरों के नाम-अभियान की शुरुआत शासकीय शिक्षकों ने अपने विद्यालयों में पंखे दान करते हुए की थी। इसके बाद धीरे-धीरे यह एक सामाजिक आंदोलन का रूप लेने लगा। सोहागपुर जनपद शिक्षा केंद्र से बीआरसी राकेश रघुवंशी, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्या सुनीता गढ़वाल, सीएसी राजेश दीक्षित तथा जनशिक्षक अशोक गज्जाम के मार्गदर्शन से यह अभियान कई विद्यालयों तक पहुंच चुका है।

हाल ही में प्रतिमा देवी राजपूत ग्राम ईशरपुर द्वारा माध्यमिक शाला ईशरपुर को दो पंखे, हरी नेट और कुर्सी दान की गईं। इसके साथ ही प्राथमिक शाला ईशरपुर के लिए 20 लीटर क्षमता की पानी की टंकी, एक ट्रे और छह गिलास भी दिए गए। इस सराहनीय योगदान की शिक्षा विभाग सहित अन्य शासकीय विभागों के अधिकारियों ने प्रशंसा की है।

बीआरसी राकेश रघुवंशी ने बताया कि अभियान अभी भी जारी है और पितृपक्ष की संपूर्ण अवधि तक चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से विद्यालयों को बड़ी राहत मिल रही है।

अभियान में अनेक शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया—

  • प्रवीण रघुवंशी, प्राथमिक शिक्षक अजबगांव ने प्राथमिक शाला रघुवंशीपुरा सोहागपुर में एक पंखा दान किया।
  • प्राथमिक शिक्षिकाएं चंद्रकुमारी शर्माविमला सराठे तथा माध्यमिक शिक्षिका प्रीति साहू ने ईपीईएस मिडिल स्कूल मातापुरा को एक स्टैंड पंखा दिया।
  • शकील खान, माध्यमिक शिक्षक गर्ल्स स्कूल सोहागपुर ने मिडिल स्कूल मालापुरा में एक सीलिंग पंखा दिया।
  • माध्यमिक शिक्षिका वक्षी साहू और उनके पति सतीश साहू ने करनपुर मिडिल स्कूल के लिए दो सीलिंग पंखे, तीन ट्यूबलाइट, एक कूलर और लाइट फिटिंग सामग्री प्रदान की।
  • भरत साहू ने प्राथमिक शाला कलमेशरा को एक सीलिंग पंखा दान किया।
  • बलराम पटेल ने माध्यमिक शाला किशनपुर के लिए एक पानी की टंकी उपलब्ध कराई।

यह अभियान न केवल शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि पितृपक्ष में पूर्वजों की स्मृति को समाजहित में कार्य करके सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

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