आखिरकार इंसाफ हुआ! टीआई हाकम सिंह को ब्लैकमेल करने वाली एएसआई रंजना सिंह बर्खास्त
इंदौर में टीआई हाकम सिंह पवार आत्महत्या मामले में बड़ा फैसला। ब्लैकमेलिंग की आरोपी एएसआई रंजना खांडे को इंदौर पुलिस कमिश्नर ने जांच री-ओपन कर तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया।

इंदौर। तीन साल पुराने चर्चित टीआई हाकम सिंह पवार आत्महत्या प्रकरण में आखिरकार इंसाफ हो गया है। पुलिस विभाग ने आरोपी महिला एएसआई रंजना खांडे (सिंह) को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने जांच को दोबारा खुलवाकर यह सख्त कार्रवाई की।
यह मामला पुलिस विभाग में ब्लैकमेलिंग और प्रताड़ना जैसे गंभीर कदाचार पर अब तक की सबसे बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई माना जा रहा है।
क्या था पूरा मामला?
करीब तीन साल पहले इंदौर के रीगल चौराहा स्थित एसपी ऑफिस परिसर में टीआई हाकम सिंह पवार ने आत्महत्या कर ली थी।
जांच में सामने आया कि एएसआई रंजना खांडे उन्हें लंबे समय से ब्लैकमेल और प्रताड़ित कर रही थीं।
घटना वाले दिन हाकम सिंह ने पहले एएसआई रंजना पर फायर किया और फिर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली।
इस हृदयविदारक घटना ने पूरे पुलिस विभाग को हिला दिया था।
पुलिस कमिश्नर ने लिया कड़ा संज्ञान
शुरुआती जांच में एएसआई पर आरोप सिद्ध होने के बावजूद उन्हें अपेक्षाकृत कम सजा दी गई थी।
हालांकि, वर्तमान पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फाइलें फिर से खोलीं और जांच री-ओपन करने के आदेश दिए।
जांच की जिम्मेदारी एडिशनल सीपी मुख्यालय आर.के. सिंह को दी गई।
री-ओपन जांच में सामने आया कि महिला एएसआई ने अपने पद का दुरुपयोग कर टीआई से महंगी गाड़ियां और लाभ लिए थे, और उन्हें मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
बर्खास्तगी का फैसला
एडिशनल सीपी राजेश सिंह ने जांच रिपोर्ट तैयार कर स्पष्ट कहा कि एएसआई रंजना खांडे का आचरण पुलिस बल की नैतिकता और गरिमा के खिलाफ है।
रिपोर्ट के आधार पर इंदौर पुलिस कमिश्नर ने तत्काल प्रभाव से उन्हें पुलिस सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
इस कार्रवाई को पुलिस विभाग में एक मिसाल माना जा रहा है, ताकि भविष्य में कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करने की हिम्मत न करे।