अब होगा श्रृंगेश्वर धाम का कायाकल्प
शासन द्वारा कायाकल्प के लिए 6 करोड़ 50 लाख रुपए हुए स्वीकृत

झाबुआ जनता एक्सप्रेस लाइव से रमेश कुमार सोलंकी
पेटलावद/झकनावदा-झकनावदा से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर मधु कन्या नदी और माही नदी के संगम स्थल पर प्रकृति की गोद में बसे श्रृंगैश्वर धाम कि मन मोहक, रमणीय, दृश्य को देखकर आत्मिक शांति का अनुभव होता है। चारों तरफ हरियाली हरियाली दिखाई देती है। दर्शन हेतु प्रतिदिन सैकड़ो लोगों का खिंचाव इस बात का सूचक है।की आने वाले समय में तीर्थ स्थानों में इसे भी शामिल किया जाएगा। पर्यटन की दृष्टि से भी यह क्षेत्र विकास की ओर अग्रसर है। यहां आने वाले श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ, पंचमुखी हनुमान जी महाराज, ब्रह्मलीन महंत काशी गिरी जी महाराज की समाधि स्थल, एवं माही के दर्शन करते हैं। और अपने जीवन में आत्मिक शांति का अनुभव करते हैं। आए दिन यहां पर अभिषेक, हवन, एवं धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होते रहते हैं।
पिकनिक, पार्टी के लिए भी यह क्षेत्र प्रसिद्ध है
यहां पर झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम, धार, से भी पर्यटक बड़ी संख्या में पिकनिक, पार्टी मनाने के लिए यहां आते हैं। सावन के महीने में कावड़ यात्री भी बड़ी संख्या में माही का पवित्र जल कावड़ में भरकर उज्जैन बाबा महाकालेश्वर के चरण धोते हैं। पंचकोशी यात्रा में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और दर्शन लाभ लेते हैं।
कैबिनेट मंत्री एवं गादीपति महंत रामेश्वर गिरी जी महाराज के अथक प्रयासों से श्रृंगेश्वर धाम का होगा कायाकल्प
इस क्षेत्र के विकास के लिए कैबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया एवं गादीपति महंत रामेश्वर गिरी जी महाराज के अथक प्रयासों से अब श्रृंगेश्वर धाम का होगा कायाकल्प।शासन ने किए 6 करोड़ 50 लाख रुपए स्वीकृत। गौरतलब है कि 12 सितंबर को पेटलावद नगर आगमन में मंच से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 1541 करोड़ की राशि लाडली बहनों के खातों में एक क्लिक में अंतरण की थी। तब भरे मंच से इस पर्यटन स्थल के लिए 6 करोड़ 50 लख रुपए की राशि की घोषणा भी की थी। अब यह पर्यटन स्थल सर्व सुविधाओं से युक्त होगा।
वर्तमान में जो सुविधा उपलब्ध है। वह इस प्रकार
श्रद्धालुओं को देखने लायक प्राकृतिक रमणीय स्थल, संत समाधि स्थल, गायों की देख भाल हेतु गौशाला,भव्य शिवालय, पंचमुखी हनुमान जी महाराज की मूर्ति, संत धुनी, विशाल कथा पांडाल सभा स्थल, साधन संपन्न भोजशाला, स्विमिंग पूल, अंतिम क्रियाकर्म घाट, पर्याप्त आवासीय स्थल, पर्यटक नौका विहार, आकर्षक प्रवेश द्वार, नक्षत्र वाटिका, वाहन पार्किंग स्थल, सुंदर गार्डन आदि है।