अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर गाडरवारा के सुशील शर्मा को मिला ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न’ सम्मान
गाडरवारा के शिक्षाविद् व साहित्यकार सुशील शर्मा को नेपाल की संस्था ने शिक्षा और साहित्य में उत्कृष्ट योगदान हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न’ सम्मान दिया।

गाडरवारा, 5 अक्टूबर 2025। विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर नेपाल की प्रतिष्ठित संस्था “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन” द्वारा भारत के प्रख्यात शिक्षाविद्, कवि और साहित्यकार सुशील शर्मा को शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए “अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न” मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान समारोह लुंबिनी–५, नेपाल से ऑनलाइन आयोजित हुआ, जिसमें नेपाल सहित कई देशों के शिक्षाविद्, लेखक और भाषा विशेषज्ञ शामिल हुए।
संस्था के अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने सम्मान पत्र प्रदान करते हुए कहा कि “सुशील शर्मा ऐसे शिक्षाविद् हैं जिन्होंने शिक्षा को केवल पेशा नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाया है।”
सम्मान प्राप्त करते हुए सुशील शर्मा ने कहा —
“यह सम्मान मेरे हर उस शिक्षक, छात्र और सहयोगी को समर्पित है, जिन्होंने मुझे सिखाने और सीखने की प्रेरणा दी।”
सुशील शर्मा पिछले चार दशकों से शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने अब तक 29 पुस्तकों की रचना की है, जिनमें ‘गोविंद गीत’, ‘आधुनिक बुद्ध ओशो’, ‘मानस के राम’ और ‘धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र’ जैसी कृतियाँ विशेष रूप से चर्चित हैं।
उनके लेखन में अध्यात्म, दर्शन, मानवीय करुणा और समकालीन समाज की गहराई झलकती है।
कार्यक्रम के समापन पर संस्था ने सुशील शर्मा के उज्ज्वल भविष्य और निरंतर सृजनशीलता की शुभकामनाएँ दीं, साथ ही कहा कि उनके योगदान से शिक्षा जगत प्रेरित होता रहेगा।